अमेरिका, यूरो क्षेत्र पर मंदी का खतरा, क्या भारत पर पड़ेगा असर?

भारत (India) वैश्विक अर्थव्यवस्था (Global Economy) से कभी भी पूरी तरह से जुड़ा नहीं था और इसलिए यह वैश्विक बाजारों से तुलनात्मक रूप से स्वतंत्र है. उन्होंने कहा कि अमेरिका (US) और यूरोप (Europe) में मंदी आती है तो बहुत कुछ वैश्विक कोष के प्रवाह पर भी निर्भर करेगा. - एसएंडपी (S&P) ग्लोबल

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कुछ विशेषज्ञों का अनुमान है कि अमेरिका मंदी की ओर बढ़ रहा है ( प्रतीकात्मक तस्वीर)

वैश्विक रेटिंग एजेंसी एसएंडपी (S&P) ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका (US) और यूरो (Euro) क्षेत्र भले ही मंदी की ओर बढ़ रहे हों लेकिन भारत पर इसका असर पड़ने की आशंका नहीं है. उसने कहा कि ऐसा इसलिए है क्योंकि भारत की अर्थव्यवस्था वैश्विक अर्थव्यवस्था से बहुत ज्यादा जुड़ी हुई नहीं है. एसएंडपी (S&P) ग्लोबल में मुख्य अर्थशास्त्री एवं प्रबंध निदेशक पॉल एफ ग्रुएनवाल्ड ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘भारतीय अर्थव्यवस्था अपनी व्यापक घरेलू मांग की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था से बहुत ज्यादा जुदा है, हालांकि भारत ऊर्जा का शुद्ध आयात करता है. एक ओर आपके पास विदेशी मुद्रा का पर्याप्त भंडार है वहीं आपकी कंपनियां भी अच्छा बहीखाता कायम रखने में सफल रही हैं.''

ग्रुएनवाल्ड ने कहा कि देखा जाए तो भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था से कभी भी पूरी तरह से जुड़ा नहीं था और इसलिए यह वैश्विक बाजारों से तुलनात्मक रूप से स्वतंत्र है. उन्होंने कहा कि अमेरिका और यूरोप में मंदी आती है तो बहुत कुछ वैश्विक कोष के प्रवाह पर भी निर्भर करेगा.

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