रूस (Russia) के यूक्रेन (Ukraine) पर हमले के बाद एक वरिष्ठ अमेरिकी जनरल मार्क माइली ने सोमवार को यूरोप (Europe) में तैनात अमेरिकी सैनिकों से कहा है कि वो "एक बड़े शक्ति युद्ध" को रोकने के लिए प्रतिबद्धता दिखाएं. अमेरिका के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष यूरोप का दौरा कर रहे हैं. उनकी यात्रा का मकसद नाटो को यह दिखाना है कि अमेरिका पूर्वी छोर पर रूसी आक्रामकता के दौरान यूरोप की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.अमेरिका की अगुवाई में नाटो सदस्य देशों ने रूस के करीब हजारों सैनिक तैनात किए हैं. यह तैनाती गैर-नाटो सदस्य यूक्रेन के साथ रूस के तेज होते युद्ध के दौरान की गई है.
दक्षिणी रोमानिया में कॉन्स्टेंटा (Constanta) के पास एक एयरबेस में तैनात अमेरिकी सैनिकों से माइली ने कहा, "हमें यह सुनिश्चित करने की ज़रूरत है कि NATO को समर्थन देने और रूस द्वारा भविष्य में किये जाने वाले किसी हमले को रोकने के लिए हम अपनी ताकत और संकल्प का तेज़ी से प्रदर्शन करें.
उन्होंने कहा कि 1914 में प्रथम विश्व युद्ध की शुरुआत से लेकर 1945 में दूसरे विश्व युद्ध के अंत तक 150 मिलियन लोग मारे गए. हम नहीं चाहते कि ऐसा फिर हो. यूरोप में अमेरिका के लगभग 67,000 सैनिक स्थायी रूप से तैनात हैं.
रूस को आगे बढ़ने से रोकने के लिए यूक्रेन और बेलारूस के पड़ोसी देशों में पिछले हफ्तों में लगभग 15,000 अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की गयी है.
तीन बाल्टिक देश- लिथुआनिया, लातविया और एस्टोनिया में कुल 2,500 अमेरिकी सैनिकों को तैनात किया गया है. इसके आलावा पोलैंड में 10,000, रोमानिया में 2,400, स्लोवाकिया में 1,500, बुल्गारिया में 350 और हंगरी में 200 अमेरिकी सैनिक मौजूद हैं.
माइली ने पिछले कुछ दिनों में इनमें से पांच देशों का बाहत तेज़ी से दौरा किया है.
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