संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गाजा शांति योजना को मजबूत करने वाले एक प्रस्ताव को भारी बहुमत से अपनाया. इस अमेरिकी मसौदे के पक्ष में 13 वोट पड़े, जबकि रूस और चीन ने इस पर मतदान से दूरी बनाए रखी (किसी ने वीटो नहीं किया).
'प्रस्ताव गाजा को समृद्ध बनाने में मदद करेगा'
अमेरिका ने वोट के बाद इस प्रस्ताव को "ऐतिहासिक और रचनात्मक" करार दिया. संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत माइक वॉल्ट्ज ने कहा कि यह प्रस्ताव गाजा को समृद्ध बनाने में मदद करेगा और इजरायल को सुरक्षा के साथ रहने का माहौल देगा.
अंतर्राष्ट्रीय सेना की तैनाती और शांति बोर्ड
यह प्रस्ताव उस अमेरिकी शांति योजना का समर्थन करता है, जिसके तहत 10 अक्टूबर को इजरायल और हमास के बीच एक नाजुक संघर्ष विराम लागू हुआ था.
बोर्ड ऑफ पीस
गाजा के लिए एक अंतरिम शासी निकाय, "बोर्ड ऑफ पीस" का गठन, जिसका कार्यकाल 2027 के अंत तक चलेगा.
फिलिस्तीनी राष्ट्र की संभावना
इस प्रस्ताव में भविष्य में फिलिस्तीनी राष्ट्र के निर्माण की संभावना का भी उल्लेख है. इसमें कहा गया है कि एक बार फिलिस्तीनी अथॉरिटी द्वारा सुधार किए जाने और गाजा का पुनर्निर्माण शुरू होने के बाद, "फिलिस्तीनी आत्मनिर्णय और राष्ट्रत्व के लिए एक विश्वसनीय मार्ग की स्थितियाँ अंततः बन सकती हैं." हालांकि, इजरायल ने इस संभावना को दृढ़ता से खारिज कर दिया है.
गौरतलब है कि रूस ने एक प्रतिस्पर्धी मसौदा पेश किया था, जिसमें कहा गया था कि अमेरिकी दस्तावेज़ फिलिस्तीनी राष्ट्र के गठन के लिए पर्याप्त समर्थन नहीं देता है. इसके बावजूद, अमेरिका को कतर, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, जॉर्डन और तुर्की सहित कई महत्वपूर्ण अरब और मुस्लिम-बहुमत वाले राष्ट्रों का समर्थन हासिल हुआ.














