गाजा पट्टी में तेजी से मानवीय मदद पहुंचाने का संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने किया आग्रह

गुटेरेस ने हमास से बंधकों की "तत्काल और बिना शर्त रिहाई" का आह्वान किया.  इजरायल ने बंधकों की संख्या 203 बताई है. गुटेरेस ने कहा कि "फिलिस्तीनी लोगों की वैध और गहरी शिकायतें हैं" फिर भी "आतंकवादी हमलों को उचित नहीं ठहराया जा सकता.

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गुटेरेस ने हमास से बंधकों की "तत्काल और बिना शर्त रिहाई" का आह्वान किया.
काहिरा:

इजरायल-हमास युद्ध के बीच संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने गाजा पट्टी में तेजी से मानवीय मदद पहुंचाने का आग्रह किया है. एएफपी के अनुसार, गुटेरेस ने काहिरा में कहा, "गाजा में जल्द भोजन, पानी, दवा और ईंधन की जरूरत है. हमें बड़े पैमाने पर इनकी जरूरत है. 2.4 मिलियन लोगों तक मदद पहुंचानी है."

मिस्र और गाजा के बीच राफा सीमा पर इजरायल का नियंत्रण नहीं है. हालांकि, इस पर भी पिछले हफ्ते इजरायली विमानों द्वारा चार बार बमबारी की गई थी. मिस्र के मीडिया ने बृहस्पतिवार को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के मिस्र और इजरायल के साथ समझौता करने के बाद राफा सीमा शुक्रवार को खुलेगी. बाइडेन ने कहा कि शुरुआत में मिस्र की सीमा पर प्रतीक्षा कर रहे सैकड़ों ट्रकों में से 20 को आने दिया जाएगा.

संयुक्त राष्ट्र के मानवतावादी प्रमुख मार्टिन ग्रिफिथ्स ने अनुमान लगाया कि गाजा में जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रति दिन लगभग 100 ट्रकों की आवश्यकता है. मिस्र के विदेश मंत्री समेह शौकरी के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में गुटेरेस ने "तत्काल मानवीय युद्धविराम" का आह्वान किया. शौकरी ने कहा कि शनिवार को काहिरा शांति शिखर सम्मेलन युद्धविराम की दिशा में तनाव कम करने के साथ-साथ मानवीय सहायता के वितरण को सुनिश्चित करने पर जोर देगा.

हमास के आतंकियों द्वारा 7 अक्टूबर को दक्षिणी इजरायल में बड़े पैमाने पर हमला किए जाने के बाद से इजरायल गाजा पर हवाई हमले कर रहा है. इजरायली अधिकारियों का कहना है कि हमास के हमले में 1,400 से अधिक इजरायली लोग मारे गए. गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इजरायली हमलों में 3,785 फिलिस्तीनी लोग मारे गए हैं. इनमें ज्यादातर नागरिक भी शामिल हैं. गुटेरेस ने हमास से बंधकों की "तत्काल और बिना शर्त रिहाई" का आह्वान किया.  इजरायल ने बंधकों की संख्या 203 बताई है. गुटेरेस ने कहा कि "फिलिस्तीनी लोगों की वैध और गहरी शिकायतें हैं" फिर भी "आतंकवादी हमलों को उचित नहीं ठहराया जा सकता. हालांकि, फिलिस्तीनी लोगों की सामूहिक सजा को भी उचित नहीं ठहराया जा सकता."

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