BRICS : Russia के सामने India ने उठाया Ukraine का मुद्दा, कहा War से विकासशील देशों को हुआ ये नुकसान...

BRICS (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) पांच बड़े विकासशील देशों का समूह है जो 41 प्रतिशत वैश्विक आबादी, 24 प्रतिशत वैश्विक जीडीपी तथा 16 प्रतिशत वैश्विक कारोबार का प्रतिनिधित्व करता है.

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BRICS देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उठाया Russia-Ukraine War का मुद्दा

पांच बड़े विकासशील देशों के समूह BRICS (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) देशों के विदेश मंत्रियों की डिजिटल बैठक में भारत ने रूस ने सामने यूक्रेन-रूस युद्ध (Russia Ukraine War) के मुद्दा प्रमुखता से उठाया. भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने ब्रिक्स समूह की  बैठक में बृहस्पतिवार को कहा कि यूक्रेन संघर्ष  के प्रभाव के कारण ऊर्जा, खाद्य एवं अन्य उत्पादों की लागत में तीव्र वृद्धि हुई है तथा विकासशील देशों को ध्यान में रखते हुए इसे कम किया जाना चाहिए. चीन, रूस एवं दो अन्य सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की मौजूदगी में जयशंकर ने यह भी कहा कि ब्रिक्स ने बार-बार संप्रभु समानता, क्षेत्रीय अखंडता, अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रति सम्मान की पुष्टि की है तथा समूह को इन प्रतिबद्धताओं पर खरा उतरना चाहिए.

विदेश मंत्री जयशंकर की यह टिप्पणी ऐसे समय में काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है जब एक तरफ पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच सीमा विवाद लम्बा खींच रहा है तो दूसरी ओर यूक्रेन के खिलाफ रूस का सैन्य अभियान भी जारी है.

जयशंकर ने कहा, “ ब्रिक्स को सर्वसम्मति से और विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार का समर्थन करना चाहिए.”

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विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि विदेश मंत्रियों ने यूक्रेन की स्थिति पर चर्चा की और रूस और यूक्रेन के बीच वार्ता का समर्थन किया. बयान के मुताबिक, उन्होंने संघर्ष की वजह से ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा पर पड़ने वाले प्रभाव पर भी चिंता व्यक्त की.

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ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद, विशेषकर सीमापार आतंकवाद को लेकर निश्चित रूप से कतई बर्दाश्त न करने का रुख दर्शाना चाहिए . वह जाहिर तौर पर पाकिस्तान का हवाला दे रहे थे.

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बैठक में चीन के विदेश मंत्री वांग यी, ब्राजील के विदेश मंत्री कार्लोस अल्बर्टो फ्रेंको फ्रांका, रूस के सर्गेई लावरोव और दक्षिण अफ्रीका के अंतरराष्ट्रीय संबंध मंत्री ग्रेस नलेदी ने हिस्सा लिया। बैठक की मेजबानी चीन ने की.

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विदेश मंत्रालय ने कहा कि मंत्रियों ने आतंकवाद की कड़ी निंदा की और आतंकवादियों की सीमा पार की गतिविधियों सहित आतंकवाद के सभी रूपों का मुकाबला करने की प्रतिबद्धता भी व्यक्त की.

गौरतलब है कि ब्रिक्स (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) पांच बड़े विकासशील देशों का समूह है जो 41 प्रतिशत वैश्विक आबादी, 24 प्रतिशत वैश्विक जीडीपी तथा 16 प्रतिशत वैश्विक कारोबार का प्रतिनिधित्व करता है.

विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि टिकाऊ विकास लक्ष्यों की दिशा में समग्र रूप से आगे बढ़ा जाना चाहिए .

विदेश मंत्रालय ने कहा कि ब्रिक्स के विदेश मंत्रियों ने सुधार की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने और अंतरराष्ट्रीय संगठनों और बहुपक्षीय मंचों में विकासशील देशों के अधिक प्रतिनिधित्व के आह्वान का समर्थन किया, जिसमें संयुक्त राष्ट्र और इसकी सुरक्षा परिषद भी शामिल है, ताकि वे वैश्विक शासन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें.

उसने कहा कि उन्होंने दोहराया कि ब्रिक्स देश कोविड-19 महामारी के प्रसार और प्रभावों को रोकने के लिए मिलकर काम करना जारी रखेंगे और महामारी का मुकाबला करने में विश्व स्वास्थ्य संगठन की अग्रणी भूमिका का समर्थन करेंगे.

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