Explainer: Russia क्यों नहीं छोड़ पा रहे ये करीब 1000 ब्रैन्ड्स भारी दबाव के बावजूद?

Ukraine War: कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियां (International Companies) रूस में अपना ऑपरेशन बंद कर रही हैं लेकिन कुछ बड़े ब्रांड्स (Big Brands) की दुकानें अब भी रूस के कई शहरों में खुली हुई हैं. इससे कई बार सोशल मीडिया (Social Media) पर उनके बहिष्कार (Boycott) की भी मांग उठती है.

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Russia में रिपोर्ट के अनुसार मार्क्स एंड स्पेंसर्स की करीब 48 दुकानें अभी भी काम कर रही हैं

यूक्रेन (Ukraine) पर रूस (Russia) के हमले की वैश्विक आलोचना हो रही है और रूस पर कई पश्चिमी प्रतिबंध (Western Sanctions) लगाए गए हैं.कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियां (International Companies) रूस में अपना ऑपरेशन बंद कर रही हैं यूक्रेन का समर्थन करते हुए. लेकिन कुछ बड़े ब्रांड्स (Big Brands) की दुकानें अब भी रूस के कई शहरों में खुली हुई हैं. इससे कई बार सोशल मीडिया (Social Media) पर उनके बहिष्कार (Boycott) की भी मांग उठती है. लेकिन ये ब्रांड्स "दुनिया में सबसे ज्य़ादा प्रतिबंधों वाले देश में" आखिरकार अब भी काम क्यों कर रही हैं?

इनमें से कई कंपनियों ने अपना काम रूस में थर्ड पार्टीज़ को आउटसोर्स किया हुआ है और वो अपने नाम पर मालिकाना हक का दावा नहीं करतीं. 

फिर कुछ कानूनी फ्रेंचाइज़ी समझौते हैं, जो बड़ी कंपनियों के लिए अपना नाम हटाना मुश्किल कर देते हैं. उदाहरण के लिए, FiBA नाम की एक तुर्की की कंपनी रूस में 1999 से ही M&S के सभी आउटलेट संचालित कर रही है और बर्गर किंग ने भी अपनी फ्रेंचाइज़ी दी हुई हैं.  

रूस में अब भी मौजूद बड़े ब्रैन्ड्स 

जो बड़े ब्रैन्ड्स अब भी रूस में हैं, वो हैं- मार्क्स एंड स्पेंसर्स (M&S), बर्गर किंग (Burger King) , होटल ग्रुप मैरियट (Marriott)और एकॉर (Accor)

बीबीसी के अनुसार  M&S की 48 दुकानें अब भी चल रही हैं और बर्गर किंग के 800 रेस्त्रां भी मॉस्को और रूस के दूसरे शहरों में संचालित हो रहे हैं. इसी तरह से मैरियट और एकॉर के भी क्रमश: 28 और 57 होटल चालू हैं.   

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, कुल मिला कर इन कंपनियों के 1000 से अधिक आउटलेट अब भी रूस में चालू हैं.  न्यू यॉर्क टाइम्स ने एक रिपोर्ट में कहा कि इन ब्रांड्स पर पूरी तरह से रूस छोड़ने का दबाव है.  जिन कंपनियों ने अस्थाई तौर पर अपने ऑपरेशन बंद किए थे उन्हें और लंबा ब्रेक लेने के लिए कहा जा रहा है.  

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उदाहरण के लिए, प्रोक्टर एंड गैंबल (Procter & Gamble) ने रूस में अपने सभी नए निवेश बंद कर दिए हैं और अपना प्रोडक्ट पोर्टफोलियो भी घटा दिया है. लेकिन वो पर्सनल केयर के आइटम्स पर फोकस बनाए हुए है. डोनोने और पेप्सिको ने भी ऐसा ही किया है. लेकिन इन्होंने डेरी और बेबी प्रॉडक्ट्स जारी रखे हैं.