अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने कहा कि भारत के रूस के साथ संबंध, अमेरिका और रूस के बीच संबंधों से अलग है और इसमें परेशानी की कोई बात नहीं है. अमेरिका ने साथ ही कहा कि उसने रूस के साथ संबंध रखने वाले हर देश से नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को सुरक्षित रखने में अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने को कहा है. रूस-यूक्रेन के संदर्भ में अमेरिका-भारत संबंध और क्या यूक्रेन संकट से द्विपक्षीय संबंध पर असर पड़ेगा, यह सवाल पूछे जाने पर अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि भारत के साथ अमेरिका के अहम हित और मूल्य जुड़े हुए हैं.
प्राइस ने शुक्रवार को दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘भारत के साथ हमारे अहम हित जुड़े हुए हैं. हम भारत के साथ अहम मूल्य साझा करते हैं, और हम जानते हैं कि भारत के रूस के साथ संबंध उन संबंधों से अलग हैं जो हमारे और रूस के बीच हैं, और सही में इसमें कोई परेशानी की बात नहीं है.'' उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा, ‘‘भारत के रूस के साथ मजबूत रिश्ते हैं,जो हमारे यकीनन नहीं हैं. भारत और रूस के बीच रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में संबंध हैं,जो हमारे बीच नहीं है...हमने प्रत्येक देश से कहा है कि जिनके संबंध हैं और जो लाभ ले सकते हैं, वे उसका इस्तेमाल रचनात्मक तरीके से करें.''
उल्लेखनीय है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को यूक्रेन के खिलाफ विशेष सैन्य अभियान की घोषणा की थी जिसके बाद रूस ने मध्य और पूर्वी यूक्रेन के कई इलाकों पर हमले किए. रूस के इस कदम की अमेरिका सहित कई देशों ने निंदा की है. गौरतलब है कि रूस की भारत के साथ लंबे समय से साझेदारी रही है और दोनों देशों ने वर्ष 2010 में अपने संबंधों को द्विपक्षीय रणनीतिक संबंध से उन्नत कर विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक संबंध में बदल दिया. उसी समय भारत के अमेरिका के साथ रणनीतिक संबंध अभूतपूर्व तरीके से मजबूत हुए.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की मॉस्को यात्रा और उनकी रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात के संदर्भ में पूछे गए एक सवाल के जवाब में प्राइस ने कहा कि अमेरिका ने पाकिस्तान को अपनी स्थिति से अवगत करा दिया है और बता दिया है कि रूस के आक्रमण के क्या खतरे हैं और यूक्रेन में मौजूदा ‘‘आक्रमण''के क्या मायने है. उन्होंने कहा, ‘‘खैर, हम अपने साझेदार पाकिस्तान पर छोड़ेंगे कि वह इस पर क्या रुख अपनाता है.''
प्राइस ने कहा, ‘‘मैं यह कह सकता हूं कि हमने पाकिस्तान को अपने रुख से अवगत करा दिया है और बता दिया है कि रूसी हमले के क्या खतरे तब थे और अब यूक्रेन पर हो रहे रूसी हमले के क्या खतरे हैं. भारत की तरह पाकिस्तान को स्पष्ट रूप से जानना चाहिए कि इस पर हमारा रुख क्या है.''