14 साल की एक ब्रिटिश लड़की की के बुरे प्रभाव के कारण अपनी जान दे दी. लड़की ने खुद को ही नुकसान पहुंचाया था. एक पोस्टमार्टम रिपोर्ट देने वाले ने विशेषज्ञ ने यह जानकारी दी. इस केस ने एक बार फिर सोशल मीडिया (Social Media) कंपनियों पर प्रकाश डाला है. उत्तरी लंदन की अदालत में बताया गया कि मोली रसेल इंटरनेट पर ऐसी सामग्री के प्रभाव में आईं जिससे उन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा. इसके अलावा उन्हें डिप्रेशन हो गया था फिर वह और गंभीर बमारी की चपेट में आ गईं."
इस किशोरी ने डिप्रेशन के बारे में ज़रूरत से अधिक सर्च कर, खुद को नुकसान पहुंचा था. लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि यह कहना "सुरक्षित" होगा कि यह एक सुरक्षित होगा.
रसल ने अपनी मौत से 6 महीने पहले करीब 16,300 पोस्ट सेव की थीं, शेयर कीं थीं या इंस्टाग्राम पर लाइक की थीं. इनमें से 2,100 डिप्रेशन, सेल्फ हार्म या आत्महत्या से जुड़ी हुई थीं. रसल की लंदन के हैरो में 2017 में मौत हो गई थी, इसके बाद उसके परिवार ने सोशल मीडिया के खतरे के बारे एक कैंपेन शुरू की थी.
रसेल के पिता ने कहा, "अब समय हो गया है कि दुनिया के सबसे बड़े सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म अपना टॉक्सिक वर्क कल्चर बदलें."
सिलिकन 'वैली शॉकवेव्स'
रसेल के पिता ने गुस्से से पूछा, "आपका प्लैटफॉर्म बच्चों को इसे यूज़ करने की इजाज़त देता ही क्यों है जब वहां लोगों को संभावित तौर पर नुकसानदायक सामग्री पोस्ट करने इजाज़त है."
मेटा के एक प्रवक्ता ने कहा हमारे विचार उनके परिवार के साथ हैं और उन सभी के साथ जो इस दुखद मृत्यु से प्रभावित हुए.
बच्चों की चैरिटी एनएसपीसीसी ने कहा कि यह रूलिंग एक टर्निंग प्वाइंट होनी चाहिए और "ऑनलाइन सेफ्टी बच्चों के माता-पिता से छीनी नहीं जानी चाहिए. टेक कंपनियों को बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता बनाना चाहिए."
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