कर्मचारियों की मौजा ही मौजा, UK में बस 4 दिन काम कराएगी 200 कंपनियां

यूके की कंपनियों ने अपने कर्मचारियों से हफ्ते में चार दिन काम कराने का जो फैसला लिया है. उससे उन लोगों को आईना जरूर दिखाई दिया होगा जो कि भारत में पिछले दिनों कर्मचारियों से ज्यादा से ज्यादा काम कराने की हिमायत करते नजर आए हैं.

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यूके की कंपनियों का ऐतिहासिक फैसला
नई दिल्ली:

काम इंसान की जिंदगी के सबसे जरूरी चीजों में से एक है. बेहतर भविष्य के सपने लिए हर कोई अपनी जिंदगी का ज्यादातर हिस्सा बस काम करने में ही गुजार देता है. काम के घंटों को लेकर भी अक्सर बहस होती रहती है. कई कंपनियों कंपनियों के फाउंडर और सीईओ लोगों को 90 घंटे तक काम करने की सलाह दे चुके हैं, जिस पर उनकी देशभर में जमकर किरकिरी भी हुई.  जब भारत में कंपनियां अपने कर्मचारी से ज्यादा से ज्यादा घंटे काम करने का बहाना ढूंढती रहती है तब सोचिए किसी कंपनी में बस हफ्ते में चार दिन काम करना पड़ा तो ये अहसास कितना सकूनभरा होगा. ऐसा ही कुछ हुआ है यूके में. जहां कर्मचारियों से हफ्ते में बस चार दिन काम कराया जाएगा और तीन छुट्टियां मिलेगी.

सैलरी में कटौती बिना मिलेगी 4 छुट्टियां

यूके की कम से कम 200 कंपनियों ने ऐसा फैसला लिया है, जिससे कर्मचारियों की मौजा ही मौजा हो जाएगी. यूनाइटेड किंगडम में एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए कम से कम 200 कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के लिए बिना सैलरी कम किए हफ्ते में सिर्फ 4 दिन काम करने का नियम लागू कर दिया है. द गार्जियन की एक रिपोर्ट के हवाले से कहा गया है कि इन 200 कंपनियों में कुल मिलाकर 5,000 से ज़्यादा लोग काम करते हैं और इनमें से सबसे ज़्यादा चैरिटी, मार्केटिंग और टेक्नोलॉजी फ़र्म हैं.

5 डे वर्किंग पैटर्न की जगह क्यों आया नया पैटर्न

4 डे वर्किंग पैटर्न का समर्थन करने वालों का मानना है कि 5 डे वर्किंग पैटर्न असल में पुराने आर्थिक युग की देन है और इसे अब बदलने की जरूरत है. 4 डे वीक फाउंडेशन के अभियान निदेशक जो राइल के अनुसार, "9-5 का वर्किंग पैटर्न लगभग 100 साल पहले बना था और यह अब आधुनिक समय के लिए ठीक  नहीं है." राइल ने कहा कि हफ्ते में 4 दिन काम करने से लोगों को अधिक खाली समय और बेहतर जीवन जीने का मौका देगा. इसके साथ ही, यह क्लाइंट के लिए भी प्रोडक्शन बढ़ाने और कर्मचारियों को लुभाने का एक बेहतर तरीका है.

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किस-किस सेक्टर की कंपनियां मेहरबान

इस बदलाव को सबसे पहले करीब 30 मार्केटिंग, एड और प्रेस फर्मों ने अपनाया था. इसके बाद 29 चैरिटी, एनजीओ और सामाजिक देखभाल उद्योग आधारित संगठनों और 24 प्रौद्योगिकी, आईटी और सॉफ्टवेयर फर्मों ने भी इसका समर्थन किया. द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, बाद में, व्यवसाय, एडवायजरी और मैनजमेंट सेक्टर की 22 अन्य कंपनियां भी इस मुहिम में शामिल हो गईं और कर्मचारियों को स्थायी रूप से चार दिन काम करने की पेशकश की.

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4 दिन की छुट्टी का क्या मकसद

इस तरह की पहल का मकसद काम की क्वालिटी को और बेहतर करना है. कोविड-19 महामारी के दौरान से कई कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम कल्चर की वजह से कई दिक्कतों से जूझ रहे हैं. जेपी मॉर्गन चेस और एमेजन सहित कई अमेरिकी कंपनियों ने सख्त आदेश जारी किए हैं, जिसमें कर्मचारियों से सप्ताह में 5 दिन काम पर आने की मांग की गई है. लेकिन जो कर्मचारी, अभी वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं, वे वापस ऑफिस आने के आदेश का विरोध कर रहे हैं. यह तब देखा गया जब स्टार्लिंग बैंक के कर्मचारियों के एक ग्रुप ने इस्तीफा दे दिया, जब मांग की कि हज़ारों कर्मचारी दफ़्तरों में ज्यादा से ज्यादा आए.
 

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