पूरे यूरोप के लोग चौंक उठें जब उन्हें आसमान में नीला और सफेद उड़न तश्तरी सी आकृति नजर आई. ऐसा लग रहा था आसमान में कोई चकरी थी. कईयों की जुबान पर सवाल था कि क्या वो कोई एलियन स्पेसक्राफ्ट था. अब मौसम पूर्वानुमानकर्ताओं और वैज्ञानिकों ने उसके उपर से पर्दा उठा दिया है. उन्होंने साफ किया है कि यह दरअसल एलन मस्क की स्पेस टेक्नोलॉजी कंपनी SpaceX के रॉकेट से जमे हुए ईंधन यानी फ्रोजन फ्यूल के आसमान में गिरने से बना था.
यूनाइटेड किंगडम के मौसम कार्यालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि उसे सोमवार, 24 मार्च की शाम को आकाश में चमकती चक्र जैसी आकृति देखे जाने की कई रिपोर्टें मिलीं. इसने साफ किया कि यह संभवतः एक रॉकेट के कारण हुई थीं, जिसने फ्लोरिडा में केप कैनावेरल से उड़ान भरी था.
फ्रांस के मौसम पूर्वानुमानकर्ता मेटियो फ्रांस ने कहा, "घबराओ मत! नहीं, यह UFO नहीं था बल्कि स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट का डीगैसिंग था."
दरअसल स्वीडन, पोलैंड, हंगरी और क्रोएशिया सहित कई यूरोपीय देशों में सोशल मीडिया यूजर्स ने तस्वीरें और वीडियोज पोस्ट किए थे. इसमें आसमान में नीले और सफेद रंग की स्पाइल (चक्र की तरह) आकृति नजर आ रही थी.
न्यूज एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ रीडिंग के ग्रह वैज्ञानिक जेम्स ओ'डोनोग्यू ने बताया कि अगर आसमान साफ रहा होगा तो पूरे यूरोप में लोगों को इस घटना को देखने का मौका मिला होगा.
आपको बता दें कि UFO का मतलब है अन आईडेंटिफाइड फ्लाइंग ऑब्जेक्ट यानी आकास में उड़ती ऐसी चीज जिसकी पहचान न की जा सकी हो. जब भी किसी चीज के UFO होने का दावा लोग करते हैं तो उनका अर्थ एलियंस को लेकर आते-जाते स्पेसक्राफ्ट से होता है. यहां यह साफ कर दें कि अभी तक कि वैज्ञानिक खोज यह साफ करती है कि एलियंस के होने का कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला है. हर बार वैज्ञानिक आसमान में नजर आई UFOs के पीछे की वैज्ञानिक वजह साफ कर देते हैं.