'भारत को प्रतिबंधों में दें छूट", रूस से S-400 की डील पर US सांसदों की राष्ट्रपति जो बाइडेन से अपील

भारत ने लंबी अवधि की सुरक्षा जरूरतों के लिए 5 अक्टूबर, 2019 को नई दिल्ली में 19वें भारत-रूस वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के दौरान सतह से हवा में मार करने वाली पांच S-400 मिसाइल प्रणालियों की खरीद के लिए रूस के साथ 5.43 बिलियन अमरीकी डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किया था.

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भारत ने 2019 में रूस से पांच S-400 एयर मिसाइल सिस्टम खरीद की डील की थी. (फाइल फोटो)
वाशिंगटन:

दो अमेरिकी सीनेटरों (सांसदों) ने राष्ट्रपति जो बाइडेन से रूस से सैन्य हथियार खरीदने के लिए भारत के खिलाफ काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट (CAATSA)के तहत प्रतिबंधों को माफ करने का आग्रह किया है.

अमेरिकी सीनेटरों और इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष मार्क वार्नर और जॉन कॉर्निन ने राष्ट्रपति बाइडेन को एक पत्र भेजकर उन्हें भारत के खिलाफ CAATSA प्रतिबंधों को माफ करने का अनुरोध किया है.

भारत ने लंबी अवधि की सुरक्षा जरूरतों के लिए 5 अक्टूबर, 2019 को नई दिल्ली में 19वें भारत-रूस वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के दौरान सतह से हवा में मार करने वाली पांच S-400 मिसाइल प्रणालियों की खरीद के लिए रूस के साथ 5.43 बिलियन अमरीकी डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किया था.

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इस डील के बाद वॉशिंगटन ने संकेत दिया था कि रूसी S-400 सिस्टम की खरीद को CAATSA प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है.

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अमेरिकी सीनेटरों ने अपने पत्र में कहा है, "भारत ने रूसी सैन्य उपकरणों की खरीद को कम करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, इसका सोवियत संघ और बाद में रूस से हथियार खरीदने का एक लंबा इतिहास रहा है. 2018 में, भारत औपचारिक रूप से रूसी S-400 ट्रायम्फ एयर-डिफेंस सिस्टम खरीदने के लिए सहमत हुआ था. इससे दो साल पहले ही रूस के साथ एक प्रारंभिक समझौते पर हस्ताक्षर हो चुका था. हम चिंतित हैं कि इन प्रणालियों के आगामी हस्तांतरण से CAATSA के तहत प्रतिबंध लग सकते हैं." पत्र में इसके लिए  रूस को उसके दुर्भावनापूर्ण व्यवहार के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है.

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