तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप में मरने वालों का आंकड़ा 40 हजार के पार पहुंच गया है. तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने कहा है कि पिछले सप्ताह आए भूकंप के कारण देश में अब तक 35 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. यह 100 साल पहले देश की स्थापना के बाद से सबसे घातक आपदा है.
बताया जा रहा है कि मृतकों की संख्या में और वृद्धि होना तय है, क्योंकि मलबे को हटाने का काम अब भी पूरा नहीं हुआ है. वहीं भूकंप के बाद बेघर हुए हजारों लोगों में से कई अभी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और ऐसे में भीषण ठंड उनके लिए और मुसीबत खड़ी कर रही है.
तुर्की में 1939 में एर्जिंकन भूकंप में लगभग 33,000 लोग मारे गए थे. हालिया भूकंप में पुष्ट मौतों के आंकड़ों में यह संख्या पीछे छूट गया है. एर्दोआन ने कहा कि छह फरवरी को कहारनमारस और उसके बाद के झटकों की वजह से 1,05,505 लोग घायल हुए हैं.
वहीं पड़ोसी देश सीरिया में लगभग 4,700 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. दोनों देशों में संयुक्त रूप से मरने वालों का आंकड़ा 40,000 को पार कर गया है.
तुर्की के राष्ट्रपति ने इस भूकंप को 'सदी की आपदा' करार देते हुए कहा कि 13 हजार से ज्यादा लोगों का अब भी अस्पताल में उपचार चल रहा है.