ट्रंप की अनोखी सनक, मेक्सिको सीमा पर बनी 700 किमी लंबी दीवार को काले रंग से क्यों पुतवा रहे?

अमेरिका में घुसपैठ रोकने के लिए मेक्सिको बॉर्डर पर ट्रंप ने पहले कार्यकाल में जो दीवार बनवाई थी, अब उसे काले रंग से पेंट करवाने का फरमान जारी किया है. सवाल उठ रहे हैं कि क्या ये वाकई फायदेमंद होगा?

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  • अमेरिका-मेक्सिको के बीच करीब 3200 किमी सीमा पर 700 किमी से ज्यादा लंबी लोहे की दीवार बनी है.
  • ये दीवार आप्रवासियों को अवैध रूप से अमेरिका में घुसने से रोकने के लिए ट्रंप ने बनवाई है.
  • काले रंग से दीवार पुतवाने के पीछे तर्क है कि गर्मी में बेहद गर्म होने से लोग इस पर चढ़ नहीं पाएंगे.
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर नई सनक सवार हुई है. अपने पहले कार्यकाल में अमेरिका-मेक्सिको बॉर्डर पर उन्होंने जिस दीवार को बनवाना शुरू किया था, उसे अब काले रंग से पेंट करवाने जा रहे हैं. काला रंग ही क्यों? क्योंकि ट्रंप का मानना है कि काला रंग चढ़ने के बाद लोहे और कंक्रीट से बनी ये दीवार गर्मियों में इतनी गर्म हो जाएगी कि कोई उसे फांदकर पार नहीं कर सकेगा. कई लोग इसे ट्रंप की सनक करार दे रहे हैं और तमाम सवाल उठा रहे हैं. पूछा जा रहा है कि काला पेंट कराने पर भारी-भरकम खर्च करने के बावजूद क्या गारंटी है कि ये वाकई कारगर होगा. 

घुसपैठ रोकने को बनी 'ट्रंप वॉल'

अमेरिका और मेक्सिको के बीच सीमा करीब 2000 मील (लगभग 3200 किमी) लंबी है. अमेरिका में अवैध घुसपैठ के लिए ये रास्ता बदनाम रहा है. दीवार बनने से पहले इस पर बाड़ लगी हुई थी. 2016 में ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव के प्रचार के दौरान यहां पर दीवार बनाने का वादा किया. जनवरी 2017 में जब वह अमेरिका के राष्ट्रपति बने तो उन्होंने इस वादे को निभाने पर काम शुरु करवाया. 2017 से लेकर 2021 तक करीब 727 किलोमीटर लंबी दीवार बनाई गई. इसे ट्रंप वॉल भी कहा जाता है. 

बाइडेन ने रुकवा दिया था काम

2021 में जो बाइडेन ने राष्ट्रपति बनने के बाद इस दीवार को आगे बनाने का काम रुकवा दिया. अब ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद मेक्सिको सीमा के बाकी बचे हिस्से पर दीवार बनाने का काम फिर से शुरू कर दिया गया है. होमलैंड सिक्योरिटी विभाग की सचिव क्रिस्टी नोएम के मुताबिक, हर रोज करीब आधा मील (0.8 किमी) दीवार बनाई जा रही है. 

काले रंग से क्यों पुतवा रहे दीवार?

ट्रंप ने दीवार को लंबी करने के अलावा पहले से बनी दीवार को पेंट कराने का फरमान भी सुनाया है. दीवार को काले रंग से रंगा जाएगा. क्रिस्टी नोएम ने बताया कि ये फरमान सीधे ट्रंप की तरफ से आया है. उन्होंने कहा कि काले रंग से पेंट होने के बाद दीवार काफी गर्म हो जाएगी क्योंकि ये दीवार रेगिस्तानी इलाके में बनी है. दीवार गर्म होने से घुसपैठ करने वाले आप्रवासी इसे फांदकर अमेरिका में दाखिल नहीं हो पाएंगे. दीवार के लोहे में जंग भी नहीं लगेगी. 

दीवार पुतवाने पर कितना खर्चा आएगा?

दीवार को पुतवाने पर कितना खर्च आएगा, इसका आकलन किया जा रहा है. ट्रंप ने अपने वन बिग ब्यूटीफुल बिल के तहत सीमाओं को मजबूत बनाने के लिए 46.5 अरब डॉलर की रकम को मंजूरी दी है. इसी में से दीवार पुतवाने का खर्च निकाला जाएगा. ऐसा नहीं है कि ट्रंप के दिमाग में दीवार पुतवाने का विचार अभी कुलबुला रहा है. उन्होंने 2020 में भी दीवार को काले रंग से पुतवाने का प्लान बनाया था. तब 700 मील लंबी दीवार को पेंट कराने पर 50 करोड़ डॉलर (करीब 4 हजार करोड़ रुपये) खर्च आने का अनुमान लगाया गया था. 

ट्रंप की दीवार पुतवाने की योजना पर उस वक्त भारी बवाल भी मचा था. दरअसल, उस समय पूरी दुनिया कोरोना की चपेट में थी. लोगों की जान दांव पर थी. लॉकडाउन लगा हुआ था. काम-धंधे ठप थे. खुद अमेरिकी अर्थव्यवस्था की हालत पतली हो रखी थी. ऐसे में दीवार पुतवाने पर इतना भारी-भरकम खर्च लोगों को रास नहीं आया. हील-हुज्जत के बीच राष्ट्रपति चुनाव हुए और ट्रंप सरकार गिर गई. दीवार बनवाने और पुतवाने का काम भी रुक गया.

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काले रंग से पुतवाना कितना फायदेमंद?

यह वैज्ञानिक तथ्य है कि काला रंग सूरज की गर्मी को सोखता है, इसलिए गर्म रहता है. ट्रंप ने इसी वजह से दीवार को काले रंग से पुतवाने का फैसला किया है. जानकारों का मानना है कि काले रंग से पुतने के बाद रेगिस्तानी गर्मी में लोहे-कंक्रीट की दीवार का तापमान करीब 60 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है. इससे इसे फांदकर पार करना नामुमकिन हो जाएगा. 

  • जानकारों का हालांकि कहना है कि काला पेंट घुसपैठ को पूरी तरह नहीं रोक पाएगा. 
  • रात के समय तापमान घट जाता है और ज्यादातर घुसपैठ रात के वक्त ही होती है. 
  • अगर किसी को चढ़ना होगा तो कंबल वगैरा लेकर गर्म दीवार पर भी चढ़ जाएगा. 
  • 2020 में ट्रायल में काला पेंट कुछ समय में उतर गया था. ऐसे में पेंट कराने का ज्यादा फायदा नहीं.  
  • दीवार गर्म होने से जो जीव-जंतु इसे पार करेंगे, वो भी झुलसकर मर सकते हैं.

घुसपैठ में कितनी कमी आई?

वैसे भी ट्रंप दीवार फांदकर अमेरिका में घुसपैठ करने की घटनाओं में हाल के समय में भारी कमी आई है. ट्रंप ने जिस तरह से आप्रवासियों पर शिकंजा कसा है, गैरदस्तावेजी आप्रवासियों को विमानों में भर-भरकर बाहर भेजा, मेक्सिको जैसे पड़ोसी देशों पर पाबंदियां लगाईं, दक्षिणी सीमा पर सेना तैनात कर दी, उससे अमेरिका में घुसपैठ की वारदातों में काफी कमी आई है. खुद ट्रंप सरकार के आंकड़े बताते हैं कि जून के महीने में दक्षिणी सीमा से घुसपैठ करते महज 6 हजार लोग पकड़े गए थे, जो मार्च से 15 फीसदी कम हैं. इस साल जमीन के रास्ते अवैध रूप से अमेरिकी सीमा पार करने की घटनाएं 40 फीसदी तक कम हो चुकी हैं. ये घटनाएं कितनी कम हैं, इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि 2019 में इस रास्ते से घुसपैठ करते हुए 9.77 लाख लोग पकड़े गए थे. इनमें भारत समेत कई देशों के लोग थे. 

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