'चीन तब तक ताइवान पर हमला नहीं करेगा, जब तक...', ट्रंप बोले- शी जिनपिंग ने मुझे बताया

ट्रंप ने कहा, 'मैं आपको बताऊं, चीन के राष्ट्रपति शी और ताइवान के साथ भी कुछ ऐसा ही है, लेकिन मुझे नहीं लगता कि जब तक मैं यहां हूं, तब तक ऐसा कुछ होगा. देखते हैं.'

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  • अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि जब तक वे राष्ट्रपति हैं, चीन ताइवान पर हमला नहीं करेगा.
  • ट्रंप ने दावा किया कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने उन्हें फोन पर ये कहा था. हालांकि समय का जिक्र नहीं किया.
  • डोनाल्‍ड ट्रंप और शी जिनपिंग के बीच बातचीत जून में हुई थी, जो उनके दूसरे कार्यकाल में पहली कॉल थी.
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले दिनो अर्मेनिया और अजरबैजान के बीच समझौता कराया. लंबे समय से वो रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध खत्‍म करवाने की कोशिशों में लगे हैं. इसी उद्देश्‍य से वो अलास्‍का में रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मिले भी. इस बीच चीन और ताइवान से जुड़े मुद्दे पर भी उन्‍होंने एक बड़ा दावा किया है. ट्रंप ने बताया है कि चीन कब तक ताइवान पर हमला नहीं करेगा. शुक्रवार को उन्‍होंने कहा कि जब तक वो अमेरिका के राष्‍ट्रपति रहेंगे, चीन, ताइवान पर हमला नहीं करेगा. ऐसा दावा उन्‍होंने चीन के राष्‍ट्रपति से हुई बातचीत के आधार पर किया. 

ट्रंप ने फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में इस मामले पर बात की. ये इंटरव्यू रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ यूक्रेन पर रूस के हमले को लेकर होने वाली बातचीत से पहले हुआ था.

'जब तक मैं राष्‍ट्रपति हूं'

इंटरव्‍यू में ट्रंप ने कहा, 'मैं आपको बताऊं, चीन के राष्ट्रपति शी और ताइवान के साथ भी कुछ ऐसा ही है, लेकिन मुझे नहीं लगता कि जब तक मैं यहां हूं, तब तक ऐसा कुछ होगा. देखते हैं.' ट्रंप बोले- 'उन्होंने (शी जिनपिंग) मुझसे कहा कि  जब तक मैं राष्ट्रपति हूं, मैं ऐसा कभी नहीं करूंगा.' 

ट्रंप बोले- राष्ट्रपति शी ने मुझसे ये कहा, और मैंने कहा, 'ठीक है, मैं इसकी सराहना करता हूं,' लेकिन उन्होंने यह भी कहा, 'मैं बहुत धैर्यवान हूं, और चीन बहुत धैर्यवान है.'

फोन पर हुई थी बात, लेकिन कब?

ट्रंप और शी जिनपिंग ने ट्रंप के दूसरे राष्ट्रपति कार्यकाल में जून में पहली बार फोन पर बात की थी. ट्रंप ने अप्रैल में भी कहा था कि शी ने उन्हें फोन किया था, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया था कि वह कॉल कब हुई थी.

चीन ताइवान को अपना क्षेत्र मानता है और उसने इस लोकतांत्रिक और अलग-थलग शासित द्वीप के साथ 'फिर से एक होने' की कसम खाई है, जरूरत पड़ने पर बल का उपयोग करके भी. वहीं दूसरी ओर ताइवान चीन की संप्रभुता के दावों का कड़ा विरोध करता है.

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चीनी दूतावास की प्रतिक्रिया 

शुक्रवार को वाशिंगटन में चीनी दूतावास ने ताइवान के मुद्दे को चीन-अमेरिका संबंधों में 'सबसे महत्वपूर्ण और संवेदनशील मुद्दा' बताया. दूतावास के प्रवक्ता लियू पेंग्यु ने एक बयान में कहा, 'अमेरिकी सरकार को 'एक-चीन सिद्धांत' का सम्‍मान करना चाहिए. साथ ही ताइवान से संबंधित मुद्दों को सावधानी से संभालना चाहिए. बता दें कि वाशिंगटन ताइवान का मुख्य हथियार आपूर्तिकर्ता और अंतरराष्ट्रीय समर्थक है, फिर भी अमेरिका का, अधिकांश देशों की तरह, ताइवान के साथ कोई औपचारिक राजनयिक संबंध नहीं है.

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