- अमेरिका और जापान के बीच अब तक की सबसे बड़ी ट्रेड डील हुई है, जिसमें 550 अरब डॉलर का निवेश शामिल है.
- इस डील में जापान ने 15 फीसदी रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने पर सहमति दी है, जो अमेरिका की पुरानी मांग थी.
- डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि इस समझौते से लाखों नई नौकरियां पैदा होंगी और अमेरिका को बहुत मुनाफा होगा.
अमेरिका और जापान के बीच अब तक की सबसे बड़ी ट्रेड डील (US-Japan Trade Deal) हुई है, इसका ऐलान खुद डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने किया है. इस डील में 550 अरब डॉलर का जापानी इनवेस्टमेंट और 15 फीसदी रेसिप्रोकल टैरिफ भी शामिल है. ट्रंप का दावा है कि दोनों देशों के बीच हुई इस डील से लाखों नौकरियां पैदा होंगी, जबकि ऐसा पहले कभी भी नहीं हुआ. उनका ये भी कहना है कि इससे जो भी मुनाफा होगा. उसका 90 फीसदी फायदा अमेरिका को मिलेगा.
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अमेरिका-जापान के बीच अब तक की सबसे बड़ी डील
राष्ट्रपति ट्रंप का कहना है कि ट्रेड डील की सभी अड़चनें दूर की जा चुकी हैं. अब अमेरिका जापानी बाजारों से बेहतर तरीके से पहुंच सकेगा. ट्रंप ने ये भी बताया कि जापान 15 फीसदी रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने पर भी सहमत है. दरअसल ये मांग अमेरिका लंबे समय से करता रहा है. बता दें कि 15 प्रतिशत रेसिप्रोकल टैरिफ के फैसले से ट्रंप काफी खुश दिखाई दे रहे हैं. उन्होंने इसे रोमांचक समय करार दिया.
- ट्रंप ने अमेरिका-जापान व्यापार समझौते की घोषणा की
- इंडोनेशिया के साथ व्यापार शर्तों में संशोधन किया
- अमेरका की फिलीपींस के साथ भी हुई डील
- मनीला को 19% टैरिफ देना होगा
जापान करेगा 550 अरब डॉलर का निवेश
खास बात यह है कि ट्रंप इस बार भी अपनी पीठ थपथपाना नहीं भले. उन्होंने कहा कि जापान के साथ ट्रेड डील उनके निर्देश पर हुई है. इस डील में उनकी मजबूत भूमिका रही है. उनकी वजह से ही जापान अमेरिका में 550 अरब डॉलर का निवेश करने जा रहा है. जापान के साथ हुई ये डील ट्रंप की अमेरिका फर्स्ट आर्थिक एजेंडे के तहत द्विपक्षीय व्यापार शर्तों को आगे बढ़ाने का एक उदाहरण है.
ट्रंप का दावा है कि इस डील के बाद जापान खुद को बिजनेस और अन्य चीजों के लिए ओपन करेगा और अमेरिका के रिश्ते जापान के साथ हमेशा अच्छे रहेंगे.
आसान नहीं थी जापान संग डील
बता दें कि अमेरिका-जापान डील इतनी भी आसान नहीं थी. पिछले दिनों इस डील को लेकर काफी मुश्किलें देखी गई थीं. जून में पत्रकारों ने ट्रंप से सवाल क्या था कि क्या अमेरिका-जापान डील संभव है तो ट्रंप ने जवाब में इसे कठिन बताया था. उन्होंने जापान को कठोर बताया था. लेकिन अब दोनों के बीच व्यापार समझौते पर सहमति बन गई है.
दोनों देशों के बीच चावल रहा अहम मुद्दा
दोनों देशों के बीच चावल का मुद्दा खास रहा है. ट्रंप ने जापान की आलोचना करते हुए कहा था कि वह अमेरिका से चावल नहीं खरीद रहा है. जबकि जापान के पास चावल की काफी कमी है. आंकड़ों के मुताबिक, 2025 में जनवरी से अप्रैल के बीच 114 मिलियन डॉलर का चावल खरीदा था.