कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज के 6 माह बाद तीसरी खुराक करती है कमाल, एस्ट्राजेनेका के ट्रायल में दिखा असर

एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड वैक्सीन की तीसरी खुराक का ऐसा ही ट्रायल किया गया. दूसरी खुराक के करीब 6 माह बाद यह शॉट दिया गया. इससे इम्यूनिटी (प्रतिरोधी क्षमता) में जबरदस्त प्रभाव देखा गया. 

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Covishield Vaccine के दूसरे डोज के 6 माह तीसरी खुराक देने से लाभ
नई दिल्ली:

Astrazeneca Vaccine Third Dose :कोरोना वैक्सीन की अभी तक सिंगल और डबल डोज वैक्सीन से इम्यूनिटी बढ़ने के अलग-अलग दावे तो सामने आ ही रहे हैं, अब तीसरा टीका देने और उसके असर को भी जांचने में शोधकर्ता जुट गए हैं. एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड वैक्सीन की तीसरी खुराक का ऐसा ही ट्रायल किया गया. दूसरी खुराक के करीब 6 माह बाद यह शॉट दिया गया. इससे इम्यूनिटी (प्रतिरोधी क्षमता) में जबरदस्त प्रभाव देखा गया. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी (Oxford University) के अध्ययन में कहा गया है कि पहली औऱ दूसरी खुराक के बीच भी 45 हफ्तों तक का अंतराल होने से भी कोरोना वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी (Immunity) और बेहतर होती है. इससे प्रतिरोधी क्षमता में कमी नहीं होती है. 

अध्ययन में कहा गया है कि अगर दूसरी और तीसरी डोज के बीच भी समयांतराल ज्यादा रहता है तो इसका इम्यूनिटी पर बेहतर असर दिखता है. दूसरी डोज लेने के 6 माह बाद अगर तीसरी खुराक दी जाए तो एंटीबॉडी में काफी ज्यादा बढ़ोतरी दिखती है और वायरस के लिए इम्यून रिस्पांस में बेहद मजबूत प्रतिक्रिया देखने को मिलती है. हालांकि इस अध्ययन का अभी पीयर रिव्यू होना बाकी है. यह खबर उन देशों के लिए उम्मीद बढा़ने वाली है, जहां वैक्सीन की आपूर्ति का संकट है और कोविड टीके की दो खुराकों के बीच समय बढ़ने से इम्यूनिटी कमजोर होने की आशंका व्यक्त की जा रही थी.

ऑक्सफोर्ड के ट्रायल के मुख्य शोधकर्ता एंड्रयू पोलार्ड ने कहा, दूसरी खुराक के बाद तीसरे शॉट के बेहतरीन नतीजे सामने आए हैं. पहली खुराक के 10 महीने बाद भी तीसरी खुराक देने का जबरदस्त प्रभाव देखा गया. दरअसल, कई देशों में वैक्सीनेशन कार्यक्रम पूरा होने के करीब है और वहां वैक्सीन की तीसरी डोज देने पर भी विचार चल रहा है.

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