महान बॉलीवुड अभिनेताओं दिलीप कुमार (Dilip Kumar) और राज कपूर ( Raj Kapoor) के पेशावर में पैतृक मकानों को संग्रहालयों में तब्दील करने के वास्ते उनकी खरीद के सिलसिले में पाकिस्तान की खैबर पख्तूनख्वा सरकार और इन मकानों के मालिकों से तय की गई दर को लेकर सौहार्दपूर्ण समाधान पर पहुंचने की अपील की गई है. यहां दिलीप कुमार के स्थानीय प्रवक्ता प्रवक्ता फैसल फारूकी ने रविवार को संवाददाताओं से कहा कि पेशावर महान भारतीय अभिनेता के दिल में बसता है और वह अपने जन्मस्थान एवं मोहल्ला खुदादाद में पैतृक घर से अपने जुड़ाव एवं मीठी यादों की हमेशा चर्चा करते रहते हैं.
उन्होंने कहा कि भारतीय फिल्मों के महान अभिनेताओं के सम्मान में तथा भारतीय सिनेमा के प्रति उनके योगदान को सहेजने के लिए इन दोनों ऐतिहासिक भवनों को संग्रहालयों में तब्दील करने के प्रांत सरकार के निर्णय से उनके परिवार और प्रशंसक बहुत उत्साहित हैं. प्रवक्ता का कहना था कि महान अभिनेताओं के पैतृक मकानों को सहेजने से न केवल पेशावर का महत्व बढ़ेगा बल्कि पाकिस्तान के पर्यटन उद्योग को भी मजबूती मिलेगी.
प्रांत सरकार ने पहले इन दोनों मकानों के वास्ते 2.35 करोड़ रुपये जारी कराने को मंजूरी दी थी. प्रांत सरकार ने 101 वर्गमीटर में फैले दिलीप कुमार के पैतृक मकान की कीमत 80.56 लाख रुपये लगाई है. उसने राजकपूर के पैतृक मकान की कीमत 1.50 करोड़ रुपये तय की है. खरीद के बाद दोनों मकान संग्रहालय बनाए जाएंगे. हालांकि दोनों मकानों के मालिकों ने सरकार द्वारा तय मूल्य पर इस घर को बेचने से इनकार कर दिया है और कहा है कि प्रशासन ने इसकी बहुत कम कीमत लगाई हैं.
दिलीप कुमार के पैतृक मकान के मालिक हाजी लाल मुहम्मद ने कहा है कि वह इस संपत्ति के लिए 25 करोड़ रुपये की मांग रखेगा. मुहम्मद ने कहा कि उसने 2005 में सारी औपचारिकताएं पूरी कर 51 लाख रुपये में यह संपत्ति खरीदी थी और उसके पास मकान के सारे कागजात हैं.
उन्होंने कहा कि 16 साल बाद इस संपत्ति की कीमत मात्र 80.56 लाख रुपये तय करना सरकार के लिए उचित नहीं है. राजकपूर के पैतृक मकान के मालिक ने 151.75 वर्गमीटर में फैली संपत्ति ‘कपूर हवेली' के लिए 200 करोड़ रुपये मांगे थे, जबकि सरकार ने इसकी कीमत 1.50 करोड़ रुपये तय की थी.