सऊदी अरब ने सोमवार को कहा कि पूरे विश्व ने सबसे सफल जी20 शिखर सम्मेलन को देखा और अतीत में कभी भी बैठक के पहले ही दिन सदस्यों के बीच आम सहमति नहीं बन पाई थी. जी20 शिखर सम्मेलन के पहले दिन नौ सितंबर को, रूस-यूक्रेन संघर्ष पर मतभेदों को दूर करते हुए आम सहमति से घोषणापत्र को अपनाए जाने के साथ भारत ने एक बड़ी कूटनीतिक जीत हासिल की.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने घोषणापत्र पर आम सहमति बनने, और उसके बाद इसे अपनाने की घोषणा दो दिवसीय शिखर सम्मेलन के पहले दिन के दूसरे सत्र की शुरुआत में की थी.
सऊदी अरब के निवेश मंत्री खालिद ए अल फलीह ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘आज पूरी दुनिया सबसे सफल जी20 शिखर सम्मेलन में से एक की चर्चा कर रही है... आपके परिवार के हिस्से के रूप में, मैं आपको बता सकता हूं कि हमें वास्तव में गर्व है. हमने (इससे पहले) कभी भी आम सहमति हासिल नहीं की थी और शिखर सम्मेलन के पहले ही दिन घोषणापत्र को अंगीकार नहीं किया था.''
उन्होंने कहा कि दुनिया के तमाम तरह की चुनौतियों का सामना करने के बावजूद यह सहमति बनी. खालिद ने भारत के नेतृत्व की सराहना की.
देश के नाम के रूप में ‘इंडिया के बजाय 'भारत' का उपयोग करने का जिक्र करते हुए, सऊदी मंत्री ने कहा कि उनका देश, भारत को हमेशा 'भारत' के रूप में जानता था और 'यह आपके संविधान का हिस्सा है''.