पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी (Former Prime Minister of Pakistan Yusuf Raza Gilani)ने कड़े मुकाबले में सीनेट के सभापति के चुनाव में विरोधी खेमे के प्रत्याशी की जीत को कोर्ट में चुनौती दी है. सीनेट (Senate) के वर्तमान सभापति और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के समर्थक सादिक सांजरानी (42) ने इस चुनाव में 68 वर्षीय गिलानी को हराया था. सादिक को इमरान खान के सत्तारूढ़ गठबंधन का समर्थन प्राप्त था, जबकि गिलानी विपक्षी दलों के गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट के संयुक्त उम्मीदवार थे.
99 सदस्यों वाली सीनेट में सांजरानी को 48 वोट मिले जबकि गिलानी के पक्ष में 42 मत पड़े. ऊपरी सदन में बहुमत के बाद भी यह चुनाव नहीं जीत पाना विपक्ष के लिए एक झटका है, मत विभाजन में 98 सदस्यों ने हिस्सा लिया था. मतदान में 8 वोट खारिज कर दिए गए थे, जिनमें से 7 पर गिलानी के नाम की मुहर थी. उच्च सदन सीटने में विपक्ष के 52 सदस्य हैं, जबकि सत्तारूढ़ गठबंधन के 47 सदस्य हैं.
गिलानी की ओर से फारूक एच नाईक ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.इसे मुख्य न्यायाधीश अतहर मिनाल्लाह ने 24 मार्च को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है.गिलानी ने पीठासीन अधिकारी सैयद मुज्जफर हुसैन शाह, कानून एवं न्याय मंत्रालय, संसदीय कार्य मंत्रालय, सीनेट सचिवालय और सीनेट के सभापति सादिक सांजरानी को प्रतिवादी बनाया है.
गिलानी ने अदालत से 12 मार्च को सीनेट के सभापति के लिए हुए चुनाव और सांजरानी की सभापति के रूप में जीत की घोषणा को अमान्य करार देने की दरख्वास्त की है. इस विवाद की जड़ में खारिज किए गए सात वोट हैं, जो गिलानी के पक्ष थे, लेकिन उन्हें पीठासीन अधिकारी ने तकनीकी आधार पर खारिज कर दिया था.