अमेरिकी श्रमिकों के साथ भेदभाव के आरोप में अमेरिकी समान रोजगार अवसर आयोग की जांच के दायरे में आई टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने कहा कि ऐसे आरोप निराधार और भ्रामक हैं. ब्लूमबर्ग के अनुसार कि ये आरोप पूर्व कर्मचारियों द्वारा लगाए गए थे, जिनमें से अधिकतर गैर-दक्षिण एशियाई मूल के थे और जिनकी उम्र 40 वर्ष से अधिक थी. 2023 के बाद की शिकायतों में दावा किया गया कि इन कर्मचारियों को छंटनी के दौरान निशाना बनाया गया, जबकि भारतीय सहकर्मियों, जिनमें से कुछ H1-B वीजा पर थे, को बख्श दिया गया.
TCS की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि वो सभी को एक समान अवसर देते हैं. कंपनी ने कहा कि भेदभाव के आरोप "निराधार और भ्रामक" हैं. TCS ने आगे कहा कि हमारे पास अमेरिका में समान अवसर नियोक्ता होने का एक मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड है, जो हमारे संचालन में उच्चतम स्तर की ईमानदारी और मूल्यों को अपनाता है.
द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार इसी तरह के दावे ब्रिटेन में एक रोजगार न्यायाधिकरण के समक्ष भी किए गए थे, जहां तीन पूर्व टीसीएस कर्मचारियों ने कहा था कि उनके साथ उम्र और राष्ट्रीयता के आधार पर भेदभाव किया गया था.
इस सप्ताह की शुरुआत में, TCS ने कथित तौर पर भारत में वेतन वृद्धि में देरी की, क्योंकि अमेरिकी टैरिफ के कारण उत्पन्न वैश्विक अनिश्चितता के बीच प्रबंधन वेतन वृद्धि चक्र पर स्पष्ट नहीं था. TCS के लिए चौथी तिमाही में एट्रिशन दर पिछली तिमाही के 13 प्रतिशत से बढ़कर 13.3 प्रतिशत हो गई.