हम भी जंग के लिए तैयार... पाकिस्तान की हेकड़ी पर तालिबान ने दे डाली खुली धमकी

पाकिस्तान की जंग की धमकी पर अफगानिस्तान ने चेतावनी दे दी है कि वह किसी तीसरे देश के खिलाफ अपनी धरती का इस्तेमाल नहीं होने देगा, न ही अपनी संप्रभुता और आजादी पर आंच आने देगा.

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  • अफगानिस्तान ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि वह अपनी संप्रभुता और आजादी पर कोई आंच नहीं आने देगा
  • पाकिस्तान की लगातार युद्ध की धमकियों पर तालिबान ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि हम भी तैयार हैं
  • पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तीसरे दौर की शांति वार्ता बेनतीजा रहने के बाद तल्खी बढ़ गई है
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पाकिस्तान से तीसरे दौर की शांति वार्ता भी फेल होने के बाद  अफगानिस्तान ने खुली धमकी दे दी है. अफगानिस्तान ने कहा है कि अगर पाकिस्तान जंग चाहता है तो वह भी तैयार हैं. इस बीच अफगानिस्तान के कंधार प्रांत में पाकिस्तानी सेना के हमले के बाद ऐसी अटकलें तेज हो गई हैं कि दोनों देशों के बीच फिर से जंग छिड़ सकती है.

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ लगातार अफगानिस्तान को जंग की खुली धमकी दे रहे हैं. अब अफगान सरकार ने कड़े शब्दों में बयान जारी करके पाकिस्तान को आड़े हाथ लिया है. अफगान सरकार का मानना है कि पाकिस्तान के गैरजिम्मेदाराना बर्ताव और अड़ियल रवैये की वजह से शांति वार्ता अनिश्चित दौर में चली गई है. 

अफगानिस्तान ने सख्त रुख अपनाते हुए पाकिस्तान को चेतावनी दे दी है कि वह किसी तीसरे देश के खिलाफ अपनी धरती का इस्तेमाल नहीं होने देगा और न ही अपनी संप्रभुता और आजादी पर आंच आने देगा. अफगान सरकार किसी भी आक्रामकता का मुंहतोड़ जवाब देने का वादा करते हुए कहा कि अपने लोगों और जमीन की रक्षा करना उसका इस्लामी और राष्ट्रीय कर्तव्य है.

तालिबान ने साफ कर दिया है कि पाकिस्तान के मुस्लिम उसके भाई हैं, लेकिन वह अपनी हदों में रहकर ही सहयोग कर सकता है. तालिबान ने अपने अंदरूनी सुरक्षा मामलों में दखल की पाकिस्तान की कोशिशों को यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि वह इस्लामाबाद के लिए पुलिस एजेंट के तौर पर काम नहीं करेगा. वह कोई ऐसा वादा नहीं करेगा जिनका इस्तेमाल विदेशी दखल को सही ठहराने के लिए किया जा सके.

बता दें कि कतर और तुर्किए की पहल पर पाकिस्तान और अफगानिस्तान में सुलह की तीन राउंड वार्ता हुई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. दरअसल इस्लामाबाद चाहता है कि अफगानिस्तान में मौजूद पाकिस्तानी आतंकवादियों खासकर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और उससे जुड़े नेटवर्क को निर्णायक रूप से खत्म किया जाए. 

इसके अलावा पाकिस्तान सीमापार हमलों को रोकने के लिए लिखित में समझौता चाहता है. वहीं तालिबान इस बात पर जोर दे रहा है कि आतंकवादी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई अफगान कानून और संप्रभुता पर आधारित होनी चाहिए.

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