- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में सीरियाई समकक्ष अहमद अल शरा का ऐतिहासिक स्वागत किया है.
- अहमद अल शरा को आतंकवादियों की ब्लैकलिस्ट से हटाकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने प्रतिबंध भी समाप्त किए हैं.
- अमेरिका ने सीरिया में दमिश्क के पास मिलिट्री बेस बनाने की योजना बनाई है जो मानवीय सहायता और निगरानी करेगा.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सोमवार को व्हाइट हाउस में सीरियाई समकक्ष अहमद अल शरा का स्वागत करने के लिए रेडी हैं. राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकात के लिए शरा शनिवार को ही अमेरिका पहुंच गए हैं. शरा का यह दौरा कई मायनों में काफी एतिहासिक है. उनके दौरे से एक दिन पहले ही यानी रविवार को अमेरिका ने उन्हें आतंकियों के लिए बनी ब्लैकलिस्ट से हटाया है. शरा ही वह शख्स हैं जिनकी अगुवाई में विद्रोहियों ने लंबे समय से सीरिया पर शासन कर रहे बशर अल-असद को उखाड़ने में कामयाबी हासिल की है. यहां यह बात भी गौर करने वाली है कि ट्रंप जिस दिन व्हाइट हाउस में एक एक्स आतंकी शरा से मुलाकात करेंगे, उसी समय ब्राजील में कोप30 का आगाज हो रहा है और ट्रंप ने इस बार इससे दूरी बनाई हुई है.
1946 के बाद पहले राष्ट्रपति
साल 1946 में देश को आजादी मिलने के बाद से शरा पहले सीरियाई राष्ट्रपति हैं जो अमेरिका की यात्रा पर गए हैं. हालांकि शरा और ट्रंप की यह पहली मुलाकात नहीं है और दोनों नेताओं ने इस साल मई में रियाद में मुलाकात की थी. उस समय ट्रंप रियाद के दौरे पर गए थे. सीरिया में वाशिंगटन के दूत टॉम बैरक ने इस महीने की शुरुआत में उम्मीद जताई थी कि शरा इस्लामिक स्टेट (आईएस) समूह के खिलाफ अमेरिका के नेतृत्व वाले अंतरराष्ट्रीय गठबंधन में शामिल होने के लिए समझौते को साइन करेंगे.
क्या है मीटिंग का मकसद
सीरिया में एक राजनयिक सूत्र के हवाले से न्यूज एजेंसी एएफपी ने बताया है कि अमेरिका दमिश्क के पास एक मिलिट्री बेस बनाने की योजना बना रहा है. इस बेस से न केवल मानवीय सहायता में मदद हो सकेगी बल्कि सीरिया और इजरायल के बीच घटनाक्रम पर नजर रखी जा सकेगी. विदेश विभाग के प्रवक्ता टॉमी पिगोट ने कहा कि शरा की सरकार अमेरिका की मांगों को पूरा कर रही है. इन मांगों में लापता अमेरिकियों को ढूंढने और बचे हुए रासायनिक हथियारों को नष्ट करने का काम भी शामिल है. पिछले साल दिसंबर में सत्ता संभालने के बाद से ही शरा ने ईरान और रूस से दूरी बना ली है. ये दोनों ही देश असद के सहयोगी रहे हैं. साथ ही अब वह तुर्की, गल्फ कंट्रीज और अमेरिका के करीब हो रहे हैं.
1 करोड़ डॉलर के ईनामी आतंकी
साल 2013 में जिस समय बराक ओबामा राष्ट्रपति थे, अमेरिका ने शरा को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित कर दिया था. साथ ही उसकी गिरफ्तारी में मददगार जानकारी देने वाले को 1 करोड़ डॉलर का इनाम देने की घोषणा की थी. लेकिन जब दिसंबर 2024 में, असद का पतन हुआ तो व्हाइट हाउस ने चुपचाप इस इनाम के ऐलान को वापस ले लिया.
इसके साथ ही पिछले हफ्ते संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने शारा और उसके गृह मंत्री, अनस खत्ताब, दोनों पर लगाए गए आतंकवाद संबंधी सभी प्रतिबंधों को भी हटा लिया. अमेरिकी वित्त विभाग ने यह भी घोषणा की कि शरा का नाम 'खासतौर पर घोषित ग्लोबल आतंकियों की लिस्ट से हटा दिया गया है. इसके बाद से ही औपचारिक राजनयिक संपर्क का रास्ता साफ हो गया है. ट्रंप पहले ही शरा को एक 'ग्रेट लीडर' करार दे चुके हैं.












