- बांग्लादेश में शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद राजनीतिक खालीपन को भरने के लिए तारिक रहमान ने नेतृत्व संभाला है
- तारिक रहमान ने सभी समुदायों को एकजुट रहने और देश की आजादी की कुर्बानियों को व्यर्थ न जाने देने का आह्वान किया
- मोहम्मद यूनुस सरकार ने तारिक रहमान के राजनीतिक लौटने का स्वागत किया और उन्हें स्थिति संभालने वाला नेता माना है
बांग्लादेश की राजनीति इस समय एक निर्णायक मोड़ पर खड़ी है. शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद पैदा हुए राजनीतिक खालीपन को भरने के लिए BNP के कार्यकारी अध्यक्ष तारिक रहमान ने अपनी दावेदारी पेश कर दी है. एक तरफ जहां यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल तारिक का स्वागत कर रहे हैं, वहीं शेख हसीना की पार्टी से जुड़े नेता सद्दाम ने गंभीर आरोप लगाए हैं.
तारिक का नया बांग्लादेश विजन
तारिक रहमान ने कहा है कि 1971 की कुर्बानियों से मिली आजादी को जाया नहीं होने दिया जाएगा. मुस्लिम, हिंदू, बौद्ध और ईसाई सभी को एकजुट रहना होगा. हम शांति और स्थिरता के पक्षधर हैं. 2024 के छात्र आंदोलन के शहीद नेता हादी का जिक्र करते हुए उन्होंने साफ किया कि अब देश की कमान युवा पीढ़ी के हाथों में होगी."
यूनुस सरकार ने किया स्वागत
मोहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली अंतरिम सरकार तारिक रहमान की वापसी को सकारात्मक नजरिए से देख रही है. प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने खुलकर तारिक का स्वागत करते हुए कहा कि वह देश की सबसे बड़ी पार्टी के नेता हैं. सरकार का मानना है कि कुछ समय से जो पॉलिटिकल वैक्यूम बना है, उसे तारिक जैसा नेता ही भर सकता है.
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आवामी लीग का पलटवार
दूसरी तरफ शेख हसीना की पार्टी से जुड़े नेता सद्दाम ने इन दावों पर पानी फेरते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि तारिक की घर वापसी से देश में राजनीतिक अस्थिरता बढेगी. सद्दाम का कहना है कि तारिक की वापसी का मकसद केवल एकतरफा चुनाव करवाना है. अवामी लीग ने याद दिलाया कि तारिक कई मामलों में दोषी और अपराधी हैं. वो भी बांग्लादेश में फासीवादी राजनीति को ही आगे बढ़ाएंगे.














