रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) ख़त्म करने की दिशा में बातचीत के लिए स्विट्जरलैंड (Switzerland) जून में अंतरराष्ट्रीय शांति सम्मेलन करेगा. स्विट्जरलैंड के विदेश मंत्री ने ये आधिकारिक ऐलान किया है कि सम्मेलन 15-16 जून को स्विट्ज़रलैंड में हो सकता है, जिसमें क़रीब 120 देशों को न्योता भेजा जाएगा. क़रीब तीन महीने पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने स्विट्जरलैंड से इस सम्मेलन की गुज़ारिश की थी.
इसमें अंतरराष्ट्रीय क़ानून और यूएन चार्टर (UN Charter) के तहत शांति बहाली पर चर्चा होगी. रूस-यूक्रेन युद्ध के दो साल हो रहे हैं लेकिन युद्ध ख़त्म होने के कोई संकेत नहीं मिल रहे. इस युद्ध का असर पूरी दुनिया पर पड़ रहा है. स्विट्ज़रलैंड चाहता है कि भारत भी इस शांति सम्मेलन में हिस्सा लें. भारत भी लगातार शांति की वकालत कर रहा है, शांतिपूर्ण बातचीत से हल निकालने की बात कर रहा है.
भारत के रूस से मज़बूत संबंध हैं और यूक्रेन से भी अच्छे संबंध है. चार जून को भारत में लोक सभा चुनाव चुनाव के नतीजे आएंगे और फिर नए कैबिनेट का गठन होगा. अगर प्रधानमंत्री इस सम्मेलन में जाते हैं तो नई सरकार में से पहला विदेश दौरा हो सकता है. लेकिन बड़ा सवाल रूस का है …क्या वो इस सम्मेलन में हिस्सा लेगा?
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने साफ़ कहा है कि जब तक रूस को उसका लक्ष्य नहीं मिलता युद्ध नहीं रुकेगा. रूसी विदेश मंत्री लैवरोव ने कहा है वो किसी शांति समझौते पर दस्तख़त नहीं करेंगे. लेकिन स्विट्ज़रलैंड का मानना है कि रूस ज़रूर इस सम्मेलन में हिस्सा लेगा.
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