स्विस बिजनेसमैन पंकज ओसवाल की बेटी (Pankaj Oswal Daughter Vasundhara Oswal) को हिरासत में लिए करीब 17 दिन हो गए हैं, लेकिन अब तक उसे रिहा नहीं किया गया है. उसे युगांडा में हिरासत में लिया गया था. बिजनेसमैन ने दावा किया है कि उनकी 26 साल की बेटी को अवैध रूप से हिरासत में लिया गया, इसके खिलाफ उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में अपील दायर की है. उनकी बेटी और वसुंधरा ओसवाल पीआरओ इंजस्ट्रीज की एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर को युगांडा में ईएनए प्लांट से करीब 20 हथियारबंद लोगों पकड़ लिया. उन्होंने न ही वारंट दिखाया और न ही अपनी पहचान उजागर की. पंकज ओसवाल का दावा है कि उनकी बेटी को 1 अक्टूबर से ही बिना ट्रायल बंद करके रखा गया है. उन्होंने इस हफ्ते की शुरुआत में संयुक्त राष्ट्र कार्य समूह ऑन आर्बिटरी डिटेंशन (WGAD) में एक तत्काल अपील दायर की थी.
अरबपति बिजनेसमैन की बेटी का ऐसा हाल
वसुंधरा के इंस्टाग्राम हैंडल पर शेयर की गई एक पोस्ट में उनकी "गैरकानूनी हिरासत और गिरफ्तारी" की जानकारी दी गई है. इस पोस्ट में एक शौचालय और फर्श पर खून पड़ा दिखाई दे रहा है. पोस्ट में दावा किया गया कि वसुंधरा को 90 घंटे से ज्यादा समय तक जूतों से भरे कमरे में बैठने के लिए मजबूर किया गया. करीब 5 दिन तक उनको न नहाने दिया गया और न ही कपड़े बदलने की परमिशन दी गई. यहां तक कि उनको खाना और पानी जैसी बुनियादी ज़रूरतों से भी वंचित रखा गया. उनको सोने के लिए एक छोटी बेंच दी गई. इतना ही नहीं उनको एक संदिग्ध परेड में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया.
'वसुंधरा की हिरासत के पीछे कॉरपोरेट दबाव'
वसुंधरा ओसवाल के इंस्टाग्राम हैंडल पर एक अन्य पोस्ट में उनके भाई के हवाले से लिखा गया है कि वसुंधरा एक "वर्कहोलिक" हैं. उन्होंने 2021 में एक खाली जमीन पर एक छोटा से टैंट से युगांडा के लुवेरो में 110 मिलियन डॉलर का ईएनए प्लांट विकसित किया. कॉरपोरेट दबाव के चलते उनको हिरासत में लिया गया है. इसके पीछे एक 68 साल के व्यक्ति का हाथ है. उस पर ओसवाल से पैसे ऐंठने और उनकी प्रतिष्ठा को खराब करने की कोशिश का भी आरोप है.
वसुंधरा निर्दोष, उसे सुरक्षा दीजिए, परिवार की गुहार
वसुंधरा के भाई ने दावा किया कि अधिकारियों ने अदालत के आदेश के बाद भी उसे रिहा नहीं किया. इसके बजाय उसे एक लुक कोर्ट में ले गए, जहां उस पर हत्या के आरोप लगाए गए. वसुंधरा की मां राधिका ओसवाल ने भी युगांडा सरकार से मदद की गुहार लगाई है. उन्होंने अपील करते हुए कहा, "मेरी जवान बेटी को विदेशी जेल में डाल दिया गया, उसे बुनियादी मानवाधिकार भी नहीं दिए जा रहे. वह निर्दोश है. उसे सुरक्षा दीजिए.
क्या है डब्लूजीएडी, जिससे पंकज ओसवाल ने लगाई गुहार
डब्लूजीएडी एक विशेषज्ञ निकाय है, जो पुलिस शक्तियों के दुरुपयोग की जांच करता है. इसमें हस्तक्षेप के लिए मानवाधिकार परिषद की तरफ से नियुक्त अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार विशेषज्ञ शामिल होते हैं.
कंपज ओसवाल की बेटी पर आरोप
द मॉनिटर ने दावा किया है कि पीआरओ इंडस्ट्रीज की कार्यकारी निदेशक वसुंधरा और कंपनी के वकील को शेफ मुकेश कुमार मेनारिया को मारने के इरादे से किडनैप करने के आरोप में जेल भेजा गया था. शेफ मुकेश ने 7 साल तक ओसवाल परिवार के लिए काम किया है.