यूक्रेन पर रूस के हमले को लेकर आलोचनाओं के बीच अमेरिका ने सख्त रुख अपनाते हुए प्रतिबंधों को और सख्त करने का ऐलान किया है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि यूक्रेन पर हमले को लेकर हम रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाने जा रहे हैं. साथ ही रूस से निर्यात को भी सीमित कर रहे हैं. बाइडन ने अपने संबोधन में कहा, यूक्रेन में ‘पुतिन ने इस युद्ध' का विकल्प चुना और अब वह एवं रूस नए प्रतिबंधों का ‘परिणाम भुगतेंगे'. बाइडन ने कहा कि अमेरिका, उसके सहयोगी चार बड़े रूसी बैंकों की संपत्ति को ब्लॉक कर रहे हैं, निर्यात नियंत्रण लागू कर रहे हैं, रूस के कुलीन वर्गों पर प्रतिबंध लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि यूक्रेन पर रूसी हमले के मद्देनजर नाटो बलों को मजबूत करने के लिए अमेरिका जर्मनी में अतिरिक्त बलों को भेज रहा है.
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने यूक्रेन पर रूस के ‘‘बिना किसी उकसावे और अनुचित'' हमले के लिए एकजुट प्रतिक्रिया पर चर्चा करने के लिए गुरुवार को जी-7 देशों के नेताओं के साथ डिजिटल तरीके से बैठक की.
जी-7 दुनिया की सात उन्नत अर्थव्यवस्थाओं का एक अनौपचारिक समूह है. इसमें कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) शामिल हैं. व्हाइट हाउस के एक अन्य अधिकारी के अनुसार, इससे पहले राष्ट्रपति बाइडन ने यूक्रेन में नवीनतम घटनाओं पर चर्चा करने के लिए ‘सिचुएशन रूम' में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई.
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को टेलीविजन पर अपने संबोधन में कहा कि यूक्रेन में एक सैन्य अभियान शुरू करने का उनका कदम पड़ोसी देश से उत्पन्न खतरों के जवाब में उठाया गया है. पुतिन ने अन्य देशों को भी चेतावनी दी है कि यदि उन्होंने रूसी सैन्य अभियान में हस्तक्षेप करने का प्रयास किया तो वे ‘‘ऐसे परिणाम देखेंगे जो उन्होंने कभी नहीं देखे.'' (इनपुट भाषा से...)