में आर्थिक संकट (Economic Crisis) की वजह से देश में खाने की ज़रूरी समान की कमी हो गई है. दवाईयों और ईंधन (Fuel) की कमी के कारण हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे हुए हैं. देश से भागे गोटाबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) ने सिंगापुर (Singapore) पहुंच कर राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया है. इससे पहले वो श्रीलंका से भाग कर मालदीव पहुंचे थे. श्रीलंका में अब 20 जुलाई को नए राष्ट्रपति का चयन किया जाएगा.
ये हैं श्रीलंका संकट की बड़ी घटनाएं:-
31 मार्च, 2022 : देश में बढ़ते आर्थिक संकट के मद्देनज़र प्रदर्शनकारियों ने गोटाबााय राजपक्षे के निजी आवास की ओर कूच किया.
3 अप्रेल, 2022 : गोटाबाया राजपक्षे ने मंत्रीमंडल भंग कर दिया. इसकी वजह से उनके छोटे भाई बेसिल राजपक्षे को वित्त मंत्री पद से हाथ धोना पड़ा लेकिन उनके बड़े भाई महिंदा राजपक्षे प्रधानमंत्री पद पर बने रहे.
9 अप्रेल, 2022 : विरोध प्रदर्शन बढ़े, राजपक्षे के दफ्तर के बाहर धरना देकर बैठ गए. प्रदर्शनकारी राजनैतिक सुधारों का रास्ता साफ करने के लिए प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग कर रहे थे.
9 मई, 2022 : श्रीलंका में सरकार समर्थकों और सरकार विरोधियों के बीच झड़प हुई. प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने इस्तीफा दिया. देश भर में हिंसा हुई. इसमें 9 लोग मारे गए और 300 घायल हुए.
9 जुलाई, 2022 : राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने संसद के स्पीकर को बताया कि वो इस्तीफा देने की योजना बना रहे हैं.
13 जुलाई 2022 : प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास पर धावा बोला. प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि वो भी इस्तीफा देने की इच्छा रखते हैं ताकि सर्वदलीय सरकार का गठन हो सके. इसी दिन गोटाबाया बिना इस्तीफा दिए देश से भाग कर मालदीव पहुंच गए. उन्होंने 13 जुलाई को इस्तीफा देने का वादा किया था.
14 जुलाई 2022 : इस दिन खबर आई कि राष्ट्रपति गोटाबाया मालदीव से भाग कर सिंगापुर पहुंचे. गोटाबाया ने सिंगापुर पहुंच कर राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया. रानिल विक्रमसिंघे ने कार्यवाहक राष्ट्रपति के पद की शपथ ली.