सुनीता विलियम्स के रेस्क्यू में NASA के लिए ‘संकटमोचक’ कैसे बना SpaceX का ड्रैगन? समझिए

SpaceX का यह अंतरिक्षयान यानी ड्रैगन खास क्यों है और नासा के लिए यह तुरुप का इक्का क्यों साबित हो रहा है?

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सुनीता विलियम्स की ‘घरवापसी’ कराएगी ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट
अल्टर्ड बाई एनडीटीवी इंडिया, AFP

आखिरकार अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर लंबे इंतजार के बाद धरती पर वापस आने को पूरी तरह तैयार हैं. केवल 10 दिन के मिशन के लिए अंतरिक्ष में गए इन दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को 9 महीने से अधिक वक्त इंटरनेशनल स्पेश स्टेशन पर गुजारना पड़ा है. अब इन दोनों के साथ दो और अंतरिक्ष यात्रियों को धरती पर वापस लाने के लिए NASA और SpaceX का Crew-10 मिशन इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर पहुंच चुका है. इस मिशन के तहत चार अंतरिक्ष यात्री SpaceX के अंतरिक्षयान ड्रैगन पर बैठकर स्पेस स्टेशन पहुंचे हैं और इसी में वहां पहले से मौजूद चार अंतरिक्ष यात्री बैठकर वापस आएंगें.

चलिए आपको बताते हैं कि SpaceX का यह अंतरिक्षयान यानी ड्रैगन खास क्यों है और नासा के लिए यह तुरुप का इक्का क्यों साबित हो रहा है?

ड्रैगन खास क्यों है?

ड्रैगन अंतरिक्ष यान 7 यात्रियों को धरती की कक्षा यानी ऑर्बिट से और उससे आगे तक ले जाने में सक्षम है. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह न सिर्फ अंतरिक्ष में जाता है बल्कि यह वापस भी आता है और इसे फिर से इस्तेमाल भी किया जा सकता है. इसे बिलिनेयर एलन मस्क की स्पेस एजेंसी SpaceX ने बनाया है. SpaceX के अनुसार यह वर्तमान में उड़ान भरने वाला एकमात्र ऐसा अंतरिक्ष यान है जो महत्वपूर्ण मात्रा में कार्गो को पृथ्वी पर वापस लाने में सक्षम है. ड्रैगन अंतरिक्ष यान इंसानों को अंतरिक्ष स्टेशन तक ले जाने वाला पहला प्राइवेट अंतरिक्ष यान है.

याद रखिए कि यह एक अंतरिक्षयान है. इसे किसी रॉकेट की मदद से अंतरिक्ष में लॉन्च करते हैं. Crew-10 मिशन के तहत ड्रैगन अंतरिक्षयान को फैल्कन 9 रॉकेट की मदद से लॉन्च किया गया.

अगर ड्रैगन अंतरिक्ष यान की बात करें तो इसकी उंचाई 8.1 मीटर की है और चौड़ाई 4 मीटर की है. जब इसे लॉन्च किया जाता है तो इसका पेलोड वजन 6000 किलो का होता है जबकि जब यह वापस आता है तो इसका पेलोड वजन आधा रह जाता है, यानी 3000 किलो.

नासा के लिए क्यों बना तुरुप का इक्का

2020 में, SpaceX ने 2011 के बाद पहली बार नासा के अंतरिक्ष यात्रियों को अमेरिकी अंतरिक्ष यानों की मदद से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) तक ले जाने और वहां से उड़ान भरके वापस आने की अमेरिका की क्षमता लौटा दी. नासा के लिए अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में उड़ाने के अलावा, SpaceX का ड्रैगन अंतरिक्ष यान पैसा देकर स्पेस घूमने वाले अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की कक्षा यानी ऑर्बिट, ISS या उससे आगे भी ले जा सकता है.

ड्रैगन अंतरिक्ष यान में 16 ड्रेको थ्रस्टर्स लगे हैं. इनका उपयोग मिशन के दौरान अंतरिक्ष यान को अलग-अलग दिशाओं में घुमाने के लिए किया जाता है. हर ड्रेको थ्रस्टर अंतरिक्ष के निर्वात यानी वैक्यूम में 90 पाउंड फोर्स उत्पन्न करने में सक्षम है.

वापसी में पैरासूट से करता है लैंड

ड्रैगन की खास बात है अंतरिक्ष यात्रियों को वापस धरती पर लाना. अंतरिक्ष यान जब धरती के वातावरण में फिर से प्रवेश करता है तो उसे स्थिर करने कि जरूरत होती है. ड्रैगन में इस काम के लिए दो ड्रग पैराशूट लगे हैं. लैंडिंग से ठीक पहले अंतरिक्ष यान को और धीमा करने के लिए चार मुख्य पैराशूट हैं.

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बता दें कि फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च होने के लगभग 29 घंटे बाद, क्रू -10 अंतरिक्ष यात्रियों का स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन कैप्सूल रविवार को सुबह 4.04 बजे (GMT) पर ISS के साथ डॉक किया गया.

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