दक्षिण कोरिया: महाभियोग केस में फैसले से पहले यून के पक्ष और विपक्ष में सड़कों पर उतरे हजारों लोग

ग्वांगह्वामुन में, अनुमानित 35,000 लोग एकत्र हुए और यून की 'तत्काल बहाली' और नेशनल असेंबली को भंग करने के लिए नारे लगाए.

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सोल :

दक्षिण कोरिया के सोल में शनिवार को हजारों समर्थक और प्रदर्शनकारी इकट्ठा हुए. संवैधानिक न्यायालय, राष्ट्रपति यून सुक योल पर लगे महाभियोग को लेकर अपना फैसला सुनाने वाला है, जिसके चलते देश का राजनीतिक माहौल गरमा गया है. संवैधानिक न्यायालय ने सुनवाई पूरी कर ली है और वह यह फैसला सुनाएगा कि यून को राष्ट्रपति पद से हटाया जाए या नहीं. फैसला सुनाए जाने की सुनवाई की तारीख अभी घोषित नहीं की गई है.

यदि यून को औपचारिक रूप से पद से हटा दिया जाता है, तो 60 दिनों के भीतर एक त्वरित चुनाव होगा. अगर महाभियोग खारिज हो जाता है, तो यून तुरंत अपने कर्तव्यों को फिर से शुरू कर देंगे.

यून विरोधी नागरिक समूह कैंडल मूव ने सेंट्रल सोल में संवैधानिक न्यायालय के निकट रैलियां आयोजित कीं. रैली के बाद निकटवर्ती ग्वांगह्वामुन क्षेत्र में एक और बड़े पैमाने का विरोध प्रदर्शन हुआ. इसमें विपक्षी सांसदों के एक समूह ने भी भाग लिया.

देश के सबसे बड़े श्रमिक संघ, कोरियाई ट्रेड यूनियन परिसंघ (केसीटीयू) ने भी मध्य सोल में एक अलग प्रदर्शन किया गया.

केसीटीयू के अध्यक्ष यांग क्यूंग-सू ने हाल ही में अदालत द्वारा उन्हें रिहा करने के फैसले का जिक्र करते हुए कहा, "हम सभी अच्छी तरह जानते हैं कि यून सुक योल को क्यों हटाया जाना चाहिए. अब सबसे जोरदार विरोध का समय है, क्योंकि वह जेल से मुस्कुराते हुए बाहर निकले हैं."

पुलिस ने अनुमान लगाया कि रैलियों में लगभग 20,000 लोगों ने भाग लिया.

बता दें कि यून को 3 दिसंबर को मार्शल लॉ लागू करने के नाकाम प्रयास के माध्यम से विद्रोह भड़काने के आरोप में जनवरी में हिरासत में लिया गया था. उन्हें 9 मार्च को जेल से रिहा कर दिया गया, क्योंकि अभियोजन पक्ष ने उनकी रिहाई के अदालती फैसले के खिलाफ अपील नहीं करने का निर्णय लिया. अदालत ने यून की हिरासत को अवैध बताया था. हालांकि यून के खिलाफ महाभियोग और आपराधिक मुकदमे जारी रहेंगे.

ग्वांगह्वामुन में, अनुमानित 35,000 लोग एकत्र हुए और यून की 'तत्काल बहाली' और नेशनल असेंबली को भंग करने के लिए नारे लगाए.

योनहाप समाचार एजेंसी के अनुसार, यून के कुछ समर्थकों ने संवैधानिक न्यायालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया, जहां उनकी विरोधियों के साथ कुछ देर के लिए झड़प भी हुई.

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राष्ट्रपति यून ने 3 दिसंबर की रात को दक्षिण कोरिया में आपातकालीन मार्शल लॉ की घोषणा की थी, लेकिन संसद द्वारा इसके खिलाफ मतदान किए जाने के बाद इसे निरस्त कर दिया गया. मार्शल लॉ कुछ घंटों के लिए ही लागू रहा. हालांकि चंद घटों के लिए लागू हुए मार्शल लॉ ने देश की राजनीति को हिला कर रख दिया.

नेशनल असेंबली राष्ट्रपति यून सुक-योल और उनकी जगह लेने वाले कार्यवाहक राष्ट्रपति हान डक-सू के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर चुकी है. उपप्रधानमंत्री और वित्त मंत्री चोई सांग-मोक कार्यवाहक राष्ट्रपति और कार्यवाहक प्रधानमंत्री दोनों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.

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