खटास के साथ खत्म हुई G20 समिट, ट्रंप के बायकॉट से खफा रामफोसा ने नहीं सौंपी औपचारिक अध्यक्षता

जी20 के अगले अध्यक्ष अमेरिका के बहिष्कार की वजह से मौजूदा अध्यक्ष और दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने खुद ही रस्म निभाई और गेवल बजाकर समिट खत्म होने का ऐलान किया.

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  • दक्षिण अफ्रीका आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन अमेरिका के बहिष्कार के बीच खत्म हो गया
  • अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने अमेरिका के बायकॉट के कारण खुद समिट का समापन किया
  • रामफोसा ने भारत, ब्राजील और इंडोनेशिया की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए उनकी जमकर तारीफ की
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दुनिया के सबसे अमीर देशों और शीर्ष विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के संगठन जी20 की बैठक रविवार को अभूतपूर्व तनातनी के बीच समाप्त हो गई. जी20 के अगले अध्यक्ष अमेरिका के बहिष्कार की वजह से मौजूदा अध्यक्ष और दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने खुद ही रस्म निभाई और गेवल बजाया. रामफोसा ने अपने समापन भाषण में भारत की भी जमकर तारीफ की. 

रामफोसा ने समापन भाषण में भारत की तारीफ की 

दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति रामफोसा ने कहा कि दो दिवसीय विचार-विमर्श के बाद जी20 शिखर सम्मेलन संपन्न हो गया, जिसकी नींव भारत, ब्राजील और इंडोनेशिया ने रखी थी. उन्होंने कहा कि हमने इंडोनेशिया, भारत और ब्राजील के कार्यों से बहुत कुछ सीखा. कई मायनों में यहां जो कुछ घटित हुआ है, वह ग्लोबल साउथ के इन तीन देशों द्वारा रखी गई बुनियाद पर आधारित है.

अमेरिकी बायकॉट की वजह से जी20 के मौजूदा अध्यक्ष सिरिल रामफोसा ने खुद ही गेवेल बजाकर समिट के समापन की घोषणा की.

G20 की अहमियत दिखाता है घोषणापत्रः राष्ट्रपति

दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति ने कहा कि जी20 दक्षिण अफ्रीका का घोषणापत्र महज शब्दों से कहीं बढ़कर है. यह ठोस कार्रवाई के लिये प्रतिबद्धता है जिससे दुनिया के हर हिस्से में लोगों का जीवन बेहतर होगा. इस समिट के दौरान घोषणा-पत्र पर साझा सहमति दिखाती है कि जी20 एक ऐसे मंच के रूप में कितना अहम है, जो न सिर्फ नेताओं के साझा मुद्दों पर बल्कि विश्व की जनता की साझा चिंताओं पर भी संयुक्त कार्रवाई को संभव बना सकता है.

मुश्किल वक्त में भी एकजुट होने का संदेश

राष्ट्रपति ने कहा कि इससे भी बढ़कर यह हमारे बहुपक्षीय सहयोग के प्रति नए सिरे से लिये गए संकल्प और इस बात को स्थापित करता है कि हमारे साझा लक्ष्य, हमारे मतभेदों से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने कहा कि हम इस साल महत्वपूर्ण चुनौतियों के बीच मिले और साबित किया कि बड़ी कठिनाइयों के समय में भी बेहतर दुनिया के प्रयास के लिए हम एकजुट हो सकते हैं. उन्होंने दोहराया कि 21वीं सदी में समृद्धि का सबसे बड़ा अवसर अफ्रीका में निहित है.

जी20 समिट में पीएम मोदी और दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा (बाएं) व ब्राजीली राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा (दाएं) के बीच अनोखी घनिष्ठता नजर आई.

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पहली बार बिना अध्यक्षता सौंपे खत्म हुई समिट

बता दें कि इस जी20 समिट में न तो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आए और न ही उन्होंने अपने किसी अधिकारी को भेजा. यह जी20 के इतिहास में पहली बार है कि अगले अध्यक्ष की गैरमौजूदगी में समिट खत्म हुई है. ट्रंप ने दक्षिण अफ्रीका पर अपने यहां रहने वाले गोरे अल्पसंख्यकों पर हिंसक अत्याचार का आरोप लगाते हुए समिट का बायकॉट किया था. इसे लेकर काफी समय से तनातनी चल रही थी. 2008 में गठन के बाद से पहला मौका है, जब अमेरिका, रूस और चीन तीनों के नेता जी20 समिट में शामिल नहीं हुए. 

जूनियर को भेजना चाहते थे ट्रंप, रामफोसा तैयार नहीं

व्हाइट हाउस ने समिट खत्म होने से पहले अपने दूतावास के एक अधिकारी को जी20 की अध्यक्षता का हैंडओवर लेने के लिए भेजने की बात कही थी, लेकिन दक्षिण अफ्रीका ने इनकार कर दिया. अफ्रीका का कहना था कि किसी जूनियर अधिकारी को अध्यक्षता का गेवल सौंपना राष्ट्रपति रामफोसा का अपमान होगा. विवाद इतना बढ़ा कि कोई भी अमेरिकी अधिकारी समिट में नहीं पहुंचा. दक्षिण अफ्रीका का कहना है कि हैंडओवर अब बाद में किया जाएगा. हो सकता है कि विदेश मंत्रालय में इसकी रस्म पूरी की जाए. 

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घोषणापत्र को लेकर भी इस बार टूरी परंपरा

अफ्रीका में पहली बार हुई इस जी20 समिट में कई और परंपराएं टूटीं. आमतौर पर जी20 शिखर सम्मेलन के आखिरी दिन घोषणापत्र जारी किया जाता है, लेकिन इस बार समिट के पहले दिन ही डेक्लेरेशन जारी कर दिया गया. ट्रंप ने पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि जी20 का अगला शिखर सम्मेलन 2026 में फ्लोरिडा के डोरल में उनके गोल्फ क्लब में आयोजित होगा. 

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