चुनौतियों से घिरीं ब्रिटिश प्रधानमंत्री लिज ट्रस (UK PM Liz Truss) ने सोमवार को आर्थिक उथल-पुथल (Economic Turmoil) मचाने वाले "बहुत सारे-बहुत जल्द" (Too Far...Too Fast) हुए बदलावों के लिए माफी मांगी. कई झटकों के बावजूद उन्होंने नेतृत्व के पद पर बने रहने की ठानी है. बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, मैं अपनी जिम्मेदारी स्वीकारती हूं और गलतियों के लिए माफी मांगना चाहूंगी...."हमने बहुत कुछ बहुत जल्द बदल दिया." लिज ट्रस से सवाल पूछे जा रहे हैं कि अब सरकार की नीतियों का नियंत्रण किसके हाथ में हैं. लेकिन उन्होंने कहा कि वो "देश की सेवा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं"
ब्रिटेन (UK) की प्रधानमंत्री लिज ट्रस (Liz Truss) ने अपने नेतृत्व के पहले कुछ हफ्तों में हुई उथल-पुथल के लिए माफी मांगी है. इस दौरान ब्रिटिश राजनीति में बेहद नाटकीय तरीके से कुछ फैसले वापस लिए गए. इस दौरान ट्रस के नए वित्त मंत्री जेरेमी हंट (Jeremy Hunt ) ने उनके पूरे कर कटौती एजेंडे को पलट दिया. उन्होंने सोमवार को विवाद का विषय बनी हुई सभी कर कटौतियों को वापस लेने की घोषणा की. इस बारे में पहली बार ट्रस ने सोमवार रात स्वीकार किया कि गलतियां हुई थीं, लेकिन साथ ही उन्होंने जोर देकर कहा कि वह कहीं नहीं जा रही हैं और अगले आम चुनाव में कंजर्वेटिव पार्टी का नेतृत्व करेंगी.
हाल के दिनों में अपनी पार्टी के भीतर विद्रोही आवाजें तेज होने के बीच उन्होंने कहा कि वह ''ब्रिटिश लोगों की भलाई के लिए'' अपने आर्थिक वृद्धि मिशन पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं.
ट्रस ने कहा, ''मैं मानती हूं कि हमने गलतियां की हैं. मुझे उन गलतियों के लिए खेद है, लेकिन मैंने उन गलतियों को सुधार लिया है.''
उन्होंने आगे कहा, ''मैंने एक नया वित्त मंत्री नियुक्त किया है. हमने आर्थिक स्थिरता और राजकोषीय अनुशासन बहाल किया है. अब मैं जनता के लिए जो करना चाहती हूं, उस काम को आगे बढ़ाया जा रहा है. हम 2019 के घोषणापत्र पर चुने गए हैं, और मैं उसे आगे बढ़ना चाहती हूं और पूरा करना चाहती हूं.''
उन्होंने बीबीसी को बताया कि वह ''डटी हुई हैं'', क्योंकि उन्हें देश के लिए काम करने के लिए चुना गया था.
इससे पहले हंट ने सोमवार को कहा था कि ब्रिटेन की वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक आयकर में एक पेंस की कटौती के फैसले को अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया है. पूर्व वित्त मंत्री क्वारटेंग ने अपने मिनी बजट में इसे अप्रैल 2023 से लागू करने का ऐलान किया था.
इसके अलावा सरकार की ऊर्जा मूल्य गारंटी केवल अप्रैल तक ही सार्वभौमिक होगी, जबकि मूल रूप से योजना दो साल के लिए थी.
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