पाकिस्तान के लिए बड़ा संकट बन सकते हैं सोलर पैनल, जानें क्या है बड़ी वजह

पाकिस्तानी पंजाब प्रांत के 6.6% इलाके में भू-जल स्तर 60 फीट से नीचे चला गया है. ये गंभीर स्तर है. महज चार साल में भू-जल स्तर में 25% की गिरावट आई है.

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  • पाकिस्तान में किसानों द्वारा सोलर पंप का उपयोग बढ़ने से कृषि क्षेत्र में बिजली की खपत में लगभग 45% कमी आई है
  • पाकिस्तान के पंजाब में भूजल स्तर तेजी से गिर रहा है, जहां कई क्षेत्र में जलस्तर 60 फीट से नीचे पहुंच चुका है
  • सोलर पैनल की कीमतें बढ़ने के बजाय कम हो रही हैं, जिससे किसानों ने बिजली के बजाय सोलर ऊर्जा अपनाना शुरू किया है
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पाकिस्तान में सौर पैनल के तेजी से बढ़ते चलन ने अब देश के लिए दो बड़े संकटों को जन्म दे दिया है. जहां सोलर पैनल का इस्तेमाल देश की अर्थव्यवस्था के साथ वातावरण के लिए अहम माना जाता है, वहीं, पाकिस्तान के लिए ये समस्याएं पैदा कर रहा है. कई किसान अब खेती के लिए बिजली की जगह सोलर पैनल का इस्तेमाल कर रहे हैं. करामत अली, जो एक किसान हैं, गाय-भैंस की दूध से ही परिवार चलाते थे. लेकिन इस साल की शुरुआत में, करामत ने 12 गाय बेचकर सोलर पैनल ले लिया. पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में चावल की खेती करने वाले करामत अली अब डीजल और बिजली से चलने वाले पंप के बजाय सोलर पंप का इस्तेमाल करते हैं क्योंकि इससे कम पैसे खर्च होते हैं. 

कई किसान अब सोलर पंप से कर रहे सिंचाई

करामत अली अकेले नहीं हैं. ज्यादा से ज्यादा पाकिस्तानी किसान अब सोलर पंप से सिंचाई कर रहे हैं. रॉयटर्स ने ऐसे 10 किसानों से बात की है. अधिकारी और विश्लेषक भी इसकी पुष्टि करते हैं. सोलर पंप की बदौलत किसान अब दिन में कई बार धान में पानी की सिंचाई कर पाते हैं. इतना ही नहीं जिन फसलों में पानी की जरूरत ज्यादा है, अब उसकी खेती ज्यादा हो रही है. 2023 के मुकाबले अब पाकिस्तान में धान की खेती 30% बढ़ गई है और कम पानी की वाले मक्के की खेती में 10% की कमी आई है. 

बिजली की खपत में 45% की कमी आई

सोलर पंप का इतना ज्यादा इस्तेमाल हो रहा है कि पाकिस्तान के ऊर्जा मंत्री के सलाहकार अम्मार बबीब के मुताबिक तीन साल में कृषि क्षेत्र में बिजली की खपत में 45% की कमी आई है. रॉयटर्स के मुताबिक 4 लाख पंप जो कभी बिजली से चलते थे, अब सोलर से चल रहे हैं. हबीब का अनुमान है कि सौर पैनलों का उपयोग करने वाले किसानों ने 2023 से संभवतः 2,50,000 ज्यादा पंप खरीदे हैं. अनुमान है कि अब पाकिस्तान में 6.5 लाख पंप सोलर एनर्जी से चल रहे हैं.

सोलर पैनल की ज्यादा खपत के कारण चीन के सोलर पैनलों की कीमत में पिछले आठ साल में 80% कमी आई है. पाकिस्तान को देखकर ब्राजील और इराक तक अब सोलर की तरफ रुख कर रहे हैं. 

सोलर से किसान खुश लेकिन भूजल संकट

पाकिस्तानी पंजाब प्रांत के 6.6% इलाके में भू-जल स्तर 60 फीट से नीचे चला गया है. ये गंभीर स्तर है. महज चार साल में भू-जल स्तर में 25% की गिरावट आई है. ऐसे इलाके बढ़ते जा रहे हैं, जहां भू-जल स्तर 80 फीट से नीचे चला गया है. 

पंजाब के सिंचाई मंत्री मुहम्मद काजिम पीरजादा मानते हैं कि सोलर एनर्जी पर्यावरण के लिए अच्छा है, लेकिन भू-जल स्तर का भी ध्यान रखना होगा. उनके विभाग ने रॉयटर्स को बताया कि वह ट्यूबवेल और भूजल स्तर में कमी के बीच संबंधों की स्टडी कर रहे हैं. साथ ही जल स्तर को बचाने के लिए उपाय भी किए गए हैं. मंत्री ने आगे कहा कि हाल ही में आई बाढ़ ने पंजाब के कुछ सूखे इलाकों को भी प्रभावित किया है, जिससे संभवतः कुछ जल स्तर में सुधार हुआ है.

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पैनल और धान

दुनिया के सबसे ज्यादा जल संकटग्रस्त देशों में से एक, पाकिस्तान, भारत से भी पानी को लेकर उलझा हुआ है. हालांकि किसानों के लिए पानी का संकट तुरंत नहीं आने वाला. पाकिस्तानी पंजाब की मुख्य फसल गेहूं है. लेकिन पिछले कुछ सालों से गेहूं की कीमतों में गिरावट आई है. ऐसे में गरीबी की मार झेल रहे पाकिस्तान के किसानों को सोलर पैनल मुक्ति का रास्ता नजर आता है. मई 2023 में पाकिस्तान के ग्रामीण इलाकों में रिकॉर्ड गरीबी देखी गई थी. 

61 वर्षीय मोहम्मद नसीम ने चार साल पहले सोलर पैनल खरीदे थे. तब से बिजली की लागत में उन्हें लगभग 20 लाख रुपये (करीब 7,000 डॉलर) की बचत हुई है - जो पाकिस्तान के प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद के चार गुना से भी ज्यादा है. पानी ज्यादा है तो अब नसीम की पैदावार भी बढ़ी है और चावल की क्वालिटी भी. इससे उन्हें बेहतर दाम भी मिल रहे हैं.

सोलर पैनल के लिए कर रहे बचत

गफूर जैसे गरीब किसान अभी भी डीजल और ग्रिड बिजली पर निर्भर हैं. कुछ ग्रामीणों ने इसका हल निकाला है. एक सोलर पैनल से कई किसान सिंचाई कर रहे हैं. इसके लिए वो सोलर की कीमत शेयर कर रहे हैं. 80 वर्षीय किसान हाजी अल्लाह रक्खा, जिनके पास 16 पैनल हैं, उन्हें दो अन्य परिवारों के साथ साझा करते हैं. 

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लाहौर स्थित सौर पैनल व्यापारी शहाब कुरैशी ने कहा, "किसान पैनलों को साझा करते हैं, किराए पर लेते हैं और ट्रैक्टरों की तरह ले जाते हैं. वे इसे पाने के लिए जमीन, गहने बेचते हैं या कर्ज लेते हैं. 5-6 महीने में सोलर पैनल की कीमत वसूल हो जाती है."

भूजल स्तर सुधारें

पाकिस्तान की केंद्र और राज्य सरकारों ने अब घटते भूजल स्तर पर ध्यान देना शुरू किया है. खासकर तब जब इस साल पहलाम आतंकी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया. सरकार ने 40 जगहों पर ग्राउंड वाटर को फिर से रिफील करने की योजना शुरू की है. साथ ही कम पानी निकालने पर भी जोर है. कुछ पुराने पानी के सोर्स को भी वापस लाया जा रहा है, जैसे कि रावी नदी के प्रवाह को बढ़ाने के लिए सुरंग से पानी देना.

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