लंदन. ब्रिटेन में सैन्यकर्मियों के लिए 100 साल से अधिक समय बाद पहली बार सिखों की दैनिक प्रार्थना पुस्तकें ‘नितनेम गुटका' जारी की गई हैं. गुरुवार को एक खबर में यह जानकारी दी गई है. रक्षा मंत्रालय ने इस कदम को सिखों की आस्था और विश्वास को प्रत्यक्ष समर्थन के रूप में बताया.
‘बीबीसी' की खबर के अनुसार, लंदन में एक समारोह में ‘यूके डिफेंस सिख नेटवर्क' द्वारा प्रार्थना पुस्तकें जारी की गईं. मेजर दलजिंदर सिंह विरदी ब्रिटिश सेना में हैं और वह किताबों की वापसी के लिए दो साल तक प्रचार कर चुके हैं. बीबीसी ने विरदी के हवाले से खबर में कहा, ‘‘सेना कई सालों से ईसाई धार्मिक ग्रंथ उपलब्ध करा रही है और मैंने वहां सिख ग्रंथ प्रदान करने के लिए एक अवसर को देखा.''
‘नितनेम गुटका' को विल्टशायर में छापा गया है और सिख धर्मग्रंथों के लिए निर्मित वाहन में सिंहासन पर रखा गया था. खबर के अनुसार सैन्य जीवन की मुश्किलों का सामना करने के लिए प्रार्थना पुस्तकों को तीन भाषाओं में मुद्रित किया गया है. इसमें कहा गया है कि पुस्तकों को लंदन में केंद्रीय गुरुद्वारा मंदिर के पुस्तकालय में ले जाया गया, जहां उन्हें आधिकारिक तौर पर 28 अक्टूबर को सैन्यकर्मियों को जारी किया गया था.
विरदी के हवाले से खबर में कहा गया है, ‘‘सिखों के लिए हमारे धर्मग्रंथ केवल शब्द नहीं हैं, वे हमारे गुरु के जीवित अवतार हैं. हम हर दिन धर्मग्रंथों को पढ़ने से नैतिक शक्ति और शारीरिक ताकत प्राप्त करते हैं और ये हमें आध्यात्मिक रूप से विकसित करते हैं.'' गौरतलब है कि ‘नितनेम गुटका' पुस्तकें पहली बार सैन्यकर्मियों के लिए एक सदी से भी पहले जारी की गई थी.
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