- बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर मानवता के खिलाफ अपराधों का आरोप लगा है, जिसका फैसला आज आएगा
- शेख हसीना ने आरोपों को गलत बताया और अपने समर्थकों को चिंता न करने तथा न्याय की उम्मीद रखने को कहा
- उन्होंने कहा कि मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार अवामी लीग को खत्म करना चाहती है और सत्ता हड़पना चाहती है
बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना के लिए आज यानी सोमवार, 17 नवंबर का दिन बहुत अहम होने वाला है. मानवता के खिलाफ कथित अपराधों के मामले में पद से हटाई जा चुकीं शेख हसीना के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT-BD) सोमवार को फैसला सुनाने वाला है. अब फैसले से पहले शेख हसीना ने कहा है कि उनके खिलाफ लगे आरोप गलत हैं और उन्हें ऐसे फैसलों की कोई परवाह नहीं है.
ICT-BD के फैसले से पहले शेख हसीना ने बांग्लादेश में अपने समर्थकों को एक ऑडियो मैसेज भेजा है. इसमें अवामी लीग की नेता ने कहा है कि नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के तहत अंतरिम सरकार उनकी पार्टी को खत्म करना चाहती है. 78 साल की हसीना ने बंगाली में कहा, "यह इतना आसान नहीं है, अवामी लीग जमीनी स्तर से आई है, किसी सत्ता हथियाने वाले की जेब से नहीं."
अपने समर्थकों से चिंता न करने की अपील करते हुए दिग्गज नेता ने कहा, "मैं जिंदा हूं, जिंदा रहूंगी, लोगों के कल्याण के लिए फिर से काम करूंगी और बांग्लादेश की धरती पर न्याय करूंगी." यूनुस पर सत्ता हड़पने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि बांग्लादेश का संविधान कहता है कि निर्वाचित प्रतिनिधियों को बलपूर्वक उनके पद से हटाना दंडनीय है. उन्होंने कहा, "यूनुस ने अपने सूक्ष्म डिजाइनों के माध्यम से बिल्कुल वैसा ही किया है."
भारत की करीबी सहयोगी हसीना पिछले साल अपनी सरकार के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के हिंसक हो जाने के बाद दिल्ली आ गई थीं. भागने से ठीक पहले उन्होंने पीएम पद से इस्तीफा दे दिया था. उनके भागने के बाद, यूनुस के नेतृत्व वाली एक अंतरिम सरकार ने कार्यभार संभाला और हसीना और उनके सहयोगियों पर मानवता के खिलाफ अपराधों का आरोप लगाया. मामले की सुनवाई कर रहे अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने हसीना को ढाका में मुकदमे में शामिल होने का आदेश दिया, लेकिन उन्होंने सम्मन नहीं माना. अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण आज फैसला सुनाने वाला है.
'अल्लाह ने जिंदगी दी, वही वापस लेगा'
अपनी सरकार के खिलाफ मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों को खारिज करते हुए शेख हसीना ने कहा, "मैंने 10 लाख रोहिंग्या को शरण दी और वे मुझ पर मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाते हैं?" उन्होंने कहा, यूनुस के नेतृत्व वाले शासन ने पुलिस, अवामी लीग कार्यकर्ताओं, वकीलों, पत्रकारों और सांस्कृतिक हस्तियों की हत्या करने वाले लोगों को माफी दी. उन्होंने कहा, "लेकिन ऐसे लोगों को माफी देकर उन्होंने खुद का ही चेहरा दिखा दिया है."
हसीना ने कहा कि इस माफी ने पीड़ितों के परिवार के सदस्यों के लिए न्याय के दरवाजे बंद कर दिए हैं. "यह कैसी मानवता है?"
शेख हसीना ने कहा, "उन्हें फैसला सुनाने दीजिए. मुझे परवाह नहीं है. अल्लाह ने मुझे जीवन दिया है, अल्लाह इसे ले लेगा, लेकिन मैं अपने देश के लोगों के लिए काम करती रहूंगी. मैंने अपने माता-पिता, अपने भाई-बहनों को खो दिया है और उन्होंने मेरा घर जला दिया."













