शशि थरूर ने वैश्विक अर्थव्यवस्था और राजनीतिक शक्ति के तौर पर भारत के महत्व पर दिया जोर

शशि थरूर ने कहा 'भारत में जो कुछ हो रहा है वह दुनिया की आबादी के छठे हिस्से को प्रभावित करता है'. तिरुवनंतपुरम के सांसद ने कहा कि क्रय शक्ति के मामले में भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और दुनिया के मंच पर इसे नजरअंदाज या कम करके नहीं आंका जा सकता.

Advertisement
Read Time: 3 mins
(
ह्यूस्टन:

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने यहां राइस यूनिवर्सिटी के बेकर इंस्टीट्यूट में संवाद के दौरान वैश्विक अर्थव्यवस्था और राजनीतिक शक्ति के तौर पर भारत के महत्व पर जोर दिया. थरूर ने कहा, 'भारत महत्व रखता है.' उन्होंने जोर देकर कहा कि 'भारत में जो कुछ हो रहा है वह दुनिया की आबादी के छठे हिस्से को प्रभावित करता है'. तिरुवनंतपुरम के सांसद ने विस्तार से कहा कि क्रय शक्ति के मामले में भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और दुनिया के मंच पर अब इसे नजरअंदाज या कम करके नहीं आंका जा सकता है.

भारत के वैश्विक प्रभाव के बारे में दमदार तरीके से अपनी बात रखते हुए थरूर ने रेखांकित किया कि किस प्रकार विश्व में सर्वाधिक जनसंख्या वाले देश तथा सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में भारत का उदय उसे वैश्विक मामलों में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में स्थापित करता है. कार्यक्रम की मध्यस्थता संस्थान के निदेशक एवं लेबनान एवं तुर्किये में अमेरिका के पूर्व राजदूत डेविड सैटरफील्ड ने की.

थरूर छह से आठ सितंबर तक हुए जयपुर साहित्य महोत्सव के सातवें संस्करण में एक प्रख्यात लेखक एवं वक्ता के तौर पर ह्यूस्टन की यात्रा पर थे. उन्होंने भारत के समक्ष मौजूद भूराजनीतिक चुनौतियों विशेषकर चीन, पाकिस्तान और अमेरिका के साथ इसके संबंधों पर भी अपने विचार रखे. उन्होंने क्षेत्र के भविष्य को आकार देने में देश की भूमिका का जिक्र किया और इन जटिल रिश्तों में भारत के संवेदनशील संतुलन को भी रेखांकित किया.

Advertisement

भारत की तकनीकी प्रगति के मुद्दे पर सैटरफील्ड ने इस क्षेत्र में देश की तीव्र वृद्धि की ओर ध्यान दिलाया. थरूर ने भारत के तकनीकी उद्योग के बढ़ते प्रभाव को स्वीकारा और कहा कि तकनीकी उद्योग नवाचार और आर्थिक विकास को आगे बढ़ा रहा है, जिससे देश वैश्विक व्यापार में एक प्रमुख खिलाड़ी बन गया है. बातचीत में घरेलू मुद्दे भी मुख्य रूप से शामिल रहे, जिसमें थरूर ने भारत की ऊर्जा चुनौतियों और अक्षय ऊर्जा के लिए इसके महत्वाकांक्षी लक्ष्यों पर बात की. उन्होंने देश के बुनियादी ढांचे के विकास की जरूरतों और भविष्य में सुधार के बारे में आशा व्यक्त करते हुए विकास के अंतराल के बारे में भी बात की.

Advertisement

थरूर ने हिंदू राष्ट्रवाद के उदय और भारत के सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्य पर इसके प्रभाव पर भी चर्चा की, उन्होंने कहा कि यह देश के दीर्घकालिक लोकतांत्रिक ताने-बाने के लिए नई चुनौतियां पेश करता है. थरूर ने अपने संबोधन में वैश्विक राजनीति, अर्थव्यवस्था और प्रौद्योगिकी में भारत के बढ़ते महत्व पर जोर दिया और एक ऐसे देश की तस्वीर पेश की जिसके फैसले उसकी सीमाओं से परे होते हैं. अंत में उन्होंने कहा, 'भारत विश्व मंच पर एक प्रमुख खिलाड़ी है और आज वह जो भी विकल्प चुनेगा उसका असर दुनिया पर स्थायी रूप से पड़ेगा'.

Advertisement
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Rajasthan: Dausa में 35 फीट बोरवेल में गिरी 2 साल की बच्ची , रेस्क्यू जारी
Topics mentioned in this article