न्यूयॉर्क के काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशन्स में एक अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस चल रही थी. मंच पर बैठे थे भारत के जाने-माने राजनेता और कांग्रेसी सांसद शशि थरूर, जो ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की कूटनीतिक स्थिति को दुनिया के सामने रखने के लिए एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई कर रहे थे. हॉल में फॉरेन पॉलिसी एक्सपर्ट, राजनयिक और पत्रकारों की भीड़ थी. यहां माहौल संजीदा था, क्योंकि कुछ ही दिन पहले जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और भारत की जवाबी कार्रवाई, ऑपरेशन सिंदूर, ने दुनियाभर में हलचल मचा थीं. इसी प्रेस कांफ्रेंस में एक वक्त ऐसा आया जब बाप-बेटे के बीच सवाल-जवाब का सिलसिला देखने को मिला. बाप-बेटे की ये जोड़ी कोई और नहीं बल्कि शशि थरूर और उनका बेटा की थी. शशि थरूर के बेटे इशान थरूर इस हॉल में बतौर पत्रकार मौजूद थे और अपने पिता शशि थरूर से ऑपरेशन सिंदूर पर सवाल पूछ रहे थे. शशि थरूर और इशान थरूर के बीच हुए सवाल जवाब का ये वीडियो अब जमकर वायरल हो रहा है.
बेटे ने शशि थरूर से पूछा ये सवाल
अमेरिका में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस सांसद शशि थरूर से गुरुवार को उनके पत्रकार बेटे ने सवाल पूछा कि क्या सरकारी वार्ताकारों ने पहलगाम हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता के सबूत मांगे थे, जिस पर उन्होंने (थरूर ने) कहा कि भारत ने बिना पुख्ता सबूत के ऑपरेशन सिंदूर नहीं चलाया. ‘काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस' में बातचीत के दौरान जब वाशिंगटन पोस्ट में वैश्विक मामलों के स्तंभकार उनके बेटे ईशान थरूर उनसे सवाल पूछने के लिए खड़े हुए, तो थरूर ने हंसते हुए कहा, 'इसे प्रश्न पूछने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए, यह मेरा बेटा है.'
बेटे के सवाल पर थरूर ने दिया क्या जवाब
ईशान ने कहा, ‘‘ईशान थरूर, वाशिंगटन पोस्ट,निश्चित रूप से व्यक्तिगत हैसियत से सवाल पूछ रहा हूं.'' उन्होंने कहा, 'क्या किसी सरकारी वार्ताकार ने आपसे शुरुआती हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता के सबूत मांगे हैं? और शुरुआती हमले में किसी भी तरह का हाथ होने से पाकिस्तान के बार-बार इनकार के बारे में आप क्या कहेंगे?” थरूर ने दर्शकों की हंसी के बीच जवाब दिया, 'मुझे बहुत खुशी है कि तुमने यह मुद्दा उठाया, ईशान.” कांग्रेस नेता ने कहा, 'किसी को कोई संदेह नहीं था, और हमसे सबूत नहीं मांगे गए थे, लेकिन मीडिया ने पूछा था, और दो या तीन स्थानों पर मीडिया ने यह सवाल पूछा.' थरूर ने कहा, 'मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि भारत ने बिना पुख्ता सबूत के ऐसा नहीं किया.'