उत्तराखंड आपदा पर बोले UN महासचिव- जरूरत पड़ी तो बचाव-राहत कार्यों में करेंगे मदद

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनिया गुतारेस (Antonio Guterres) ने हादसे पर दुख जताया और कहा कि यदि जरूरत पड़ती है तो उत्तराखंड (Uttarakhand Flood) में जारी बचाव एवं राहत कार्यों में संगठन सहयोग देने के लिए तैयार है.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
UN महासचिव एंतोनिया गुतारेस. (फाइल फोटो)
न्यूयॉर्क:

भारत में उत्तराखंड राज्य (Uttarakhand) के चमोली जिले में रविवार को नंदा देवी ग्लेशियर का एक हिस्सा टूट जाने के कारण ऋषिगंगा घाटी में अचानक आई भीषण बाढ़ में जानमाल के नुकसान पर संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनिया गुतारेस (Antonio Guterres) ने दुख जताया और कहा कि यदि जरूरत पड़ती है तो उत्तराखंड में जारी बचाव एवं राहत कार्यों में संगठन सहयोग देने के लिए तैयार है. भीषण बाढ़ से वहां दो पनबिजली परियोजनाओं में काम कर रहे कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई और 125 से ज्यादा मजदूर लापता हैं.

गंगा की सहायक नदियों- धौली गंगा, ऋषि गंगा और अलकनंदा में बाढ़ से उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में दहशत फैल गई और बड़े पैमाने पर तबाही हुई. NTPC की तपोवन-विष्णुगाड पनबिजली परियोजना और ऋषिगंगा परियोजना पनबिजली परियोजना को इस आपदा में बड़ा नुकसान हुआ है. इस हादसे के बारे में गुतारेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा, ‘‘रविवार को भारत के उत्तराखंड राज्य में ग्लेशियर टूटने और उसके परिणामस्वरूप आई बाढ़ में कई लोगों की मौत एवं दर्जनों लोगों के लापता होने की खबर से महासचिव बेहद दुखी हैं.''

उत्तराखंड ग्लेशियर तबाही की नई तस्वीरें, तपोवन सुंरग में रेस्क्यू मिशन जारी

उन्होंने एक वक्तव्य में कहा, ‘‘महासचिव ने पीड़ितों के परिवारों, भारत के लोगों एवं सरकार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है. यदि आवश्यकता पड़ती है तो संयुक्त राष्ट्र वहां जारी बचाव कार्य एवं मदद के प्रयासों में सहयोग देने के लिए तैयार है.'' गुतारेस के वक्तव्य के बाद संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी.एस. तिरुमूर्ति ने कहा कि उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने की घटना पर ‘‘संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने जो संवेदनाएं व्यक्त की हैं उनकी हम सराहना करते हैं.''

उत्तराखंड आपदा : पूरी तरह नष्ट हुआ तपोवन बांध, तस्वीर में दिखा तबाही का मंजर

इससे पहले संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष वोल्कन बाजेकिर ने कहा था कि उत्तराखंड में हालात पर वह नजर रख रहे हैं जहां ग्लेशियर टूटने के कारण विकराल बाढ़ आई है. अधिकारियों का कहना है कि सात शव मिल चुके हैं जबकि कम से कम 125 लोग लापता हैं. बोजकिर ने संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन को टैग करते हुए ट्वीट किया, ‘‘मैं भारत के उत्तराखंड की घटना से संबंधित खबरों पर नजर रख रहा हूं, जहां ग्लेशियर टूटने के कारण कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई तथा 140 लोग लापता हैं.''

VIDEO: उत्तराखंड तबाही में ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट पूरी तरह ध्वस्त

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Mumbai Goa Highway पर तेज धमाके के बाद Bus में लगी भीषण आग | BREAKING NEWS