मालदीव (Maldives) को भारत द्वारा उपहार में दिए गए विमान के संचालन के लिए तैनात भारतीय सैन्यकर्मियों का दूसरा समूह राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू (Mohammad Muizzu) की मांग के अनुसार द्वीप राष्ट्र से रवाना हो गया है. एक मीडिया रिपोर्ट में रविवार को यह जानकारी दी गई. 'अधाधु डॉट कॉम' समाचार पोर्टल की खबर के अनुसार, नौ अप्रैल को मालदीव से रवाना होने वाले भारतीय सैन्य कर्मियों के दूसरे समूह में वे भारतीय सैनिक थे जो डोर्नियर विमान का संचालन कर रहे थे.
पहले यह माना जा रहा था कि द्वीप राष्ट्र से रवाना होने वाले भारतीय सैन्यकर्मी एक हेलीकॉप्टर का संचालन कर रहे थे. भारतीय सैनिकों के दूसरे समूह की रवानगी की घोषणा सबसे पहले राष्ट्रपति मुइज्जू ने शुक्रवार को एक चुनाव प्रचार अभियान कार्यक्रम के दौरान की थी.
चीन समर्थक माने जाने वाले मुइज्जू ने कहा था, "पहली टीम पहले ही जा चुकी है. अब नौ अप्रैल को दूसरे प्लेटफॉर्म से भी सैनिक हटा लिए गए हैं." समाचार पोर्टल ने एक सूत्र के हवाले से कहा, "अधाधु ने एक विश्वसनीय स्रोत से पुष्टि की है कि नौ अप्रैल को रवाना हुए समूह में डोर्नियर उड़ानों के लिए हा ढाल हनीमाधू में तैनात भारतीय सैनिक शामिल थे. उनके स्थान पर लाए गए असैन्य या तकनीकी कर्मचारी हनीमाधू पहुंच गए हैं."
मालदीव सरकार ने देश से भारतीय सैन्य कर्मियों की हालिया रवानगी पर आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं दी है. मुइज्जू ने अपने देश से भारतीय सैन्य कर्मियों के पहले समूह की वापसी के लिए 10 मार्च की समय सीमा तय की थी.
मालदीव और भारत के बीच फरवरी में हुए समझौते के तहत, नयी दिल्ली ने देश द्वारा उपहार में दिए गए सैन्य विमानों के संचालन की देखरेख के लिए मालदीव में तैनात भारतीय सैन्य कर्मियों के स्थान पर भारत से प्रशिक्षित नागरिकों की तैनाती पर सहमति जताई थी. मुइज्जू ने कहा, "एक ही प्लेटफार्म बचा है. जैसा कि दोनों देशों ने पहले ही हस्ताक्षर कर दिए हैं, उन्हें (बाकी भारतीय सैन्य कर्मियों को) भी 10 मई से पहले वापस बुला लिया जाएगा. वे चले जाएंगे."
मालदीव सरकार के अनुसार, 88 भारतीय सैनिक मालदीव में एक हेलीकॉप्टर और एक डोर्नियर विमान को संचालित करने के लिए तैनात थे. भारतीय सैनिकों का पहला समूह 11 मार्च को मालदीव से रवाना हुआ था.