विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jai Shankar) ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में सामान्य बहस के दौरान अपने संबोधन की शुरुआत ‘भारत की ओर से नमस्ते' (नमस्ते फ्रॉम भारत) कहते हुए की. यूएन महासभा में विदेश मंत्री एस जयशंकर के भाषण से यह चर्चा फिर से शुरू हो सकती है कि केंद्र सरकार संविधान में 'इंडिया' शब्द को 'भारत' से रिप्लेस करने पर विचार कर रही है.
जयशंकर ने 17 मिनट से अधिक समय के संबोधन में कहा, ‘‘आधुनिकता को आत्मसात करने वाले सभ्यतागत राज्यतंत्र के रूप में हम परंपरा और प्रौद्योगिकी दोनों को विश्वास के साथ समान रूप से संग लाते हैं. यही मेल आज इंडिया को परिभाषित करता है जो भारत है.''
उन्होंने भाषण के अंत में कहा, ‘‘मैं उस समाज के लिए बोल रहा हूं जहां लोकतंत्र की प्राचीन परंपराओं ने गहरी आधुनिक जड़ें जमा ली हैं. परिणाम स्वरूप हमारी सोच, प्रयास और कार्य अब अधिक जमीनी और प्रामाणिक हैं.''
पीएम की नेमप्लेट पर लिखा था भारत के प्रधानमंत्री
इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस महीने की शुरुआत में भारत की मेजबानी में दिल्ली में हुए जी20 के शिखर सम्मेलन में भारत के नेता के रूप में संबोधित किया गया था. सरकार ने विभिन्न आधिकारिक जी20 दस्तावेजों में देश के नाम के रूप में भारत का उल्लेख किया.
G20 बुकलेट की टाइटल में भी भारत का जिक्र
यही नहीं, विदेशी प्रतिनिधियों के लिए बनाई गई G20 बुकलेट की टाइटल भी - "भारत, लोकतंत्र की जननी" लिखा गया था. इस बुकलेट में कहा गया- "भारत देश का आधिकारिक नाम है. इसका उल्लेख संविधान और 1946-48 की चर्चाओं में भी है."
विपक्षी दलों ने कहा- ये केंद्र का ड्रामा
वहीं, विपक्षी दलों ने इसे केंद्र सरकार का 'ड्रामा' करार दिया है. विपक्षी गठबंधन का आरोप है कि सरकार सिर्फ इसलिए ऐसा कर रही है, क्योंकि विपक्षी गठबंधन ने अपना नाम INDIA रखा है.
जयशंकर ने की थी अपील
जयशंकर ने पहले इस मुद्दे पर विपक्ष पर परोक्ष रूप से तंज कसे थे. उन्होंने कहा था, "India That is Bharat.यह संविधान में है. कृपया, मैं सभी से इसे पढ़ने की अपील करता हूं." उन्होंने कहा, "जब आप भारत कहते हैं तो इसका एक अर्थ, समझ और गुणार्थ हमारे संविधान में भी प्रतिबिंबित होता है."
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