काहिरा में मिस्र के विदेश मंत्री से मिले एस जयशंकर, यूक्रेन युद्ध और हिंद-प्रशांत पर की चर्चा

भारत और मिस्र का बहुपक्षीय मंचों पर घनिष्ठ सहयोग रहा है और दोनों गुटनिरपेक्ष आंदोलन के संस्थापक सदस्य थे. वर्ष 2022 का विशेष महत्व है, क्योंकि यह भारत और मिस्र के बीच राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ का प्रतीक है.

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काहिरा (मिस्र) :

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मिस्र में शनिवार को अपने समकक्ष समेह शौकरी से मुलाकात की. इस दौरान दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय घटनाक्रम पर चर्चा की और यूक्रेन संघर्ष तथा हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर विचारों का आदान-प्रदान किया. जयशंकर मिस्र के अपने समकक्ष शौकरी के आमंत्रण पर दो दिवसीय यात्रा पर मिस्र में हैं. जयशंकर ने एक ट्वीट में कहा, "मिस्र के विदेश मंत्री समेह शौकरी के साथ गर्मजोशी भरी और सार्थक बैठक हुई. इस साल राजनयिक संबंधों के 75 साल पूरे होना हमारे गहरे संबंधों को दर्शाता है."

जयशंकर ने एक अन्य ट्वीट में कहा, "वैश्विक बहसों को आकार देने में सक्रिय राष्ट्रों के रूप में, हमारे क्षेत्रों के घटनाक्रम पर चर्चा की और यूक्रेन संघर्ष तथा हिंद-प्रशांत पर विचारों का आदान-प्रदान किया. एक ध्रुवीकृत दुनिया को स्वतंत्र सोच और तार्किक आवाज की जरूरत है."

जयशंकर ने कहा कि बहुपक्षीय मंचों पर भारत और मिस्र का सहयोग मजबूत बना हुआ है और अगले साल जी-20 और ब्रिक्स न्यू डेवलपमेंट बैंक और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में मिस्र की भागीदारी का स्वागत किया.

इससे पहले दिन में, जयशंकर ने मिस्र की राजधानी के प्रसिद्ध अल होरेया पार्क में महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. गांधी की प्रतिमा का अनावरण 2019 में उनकी 150वीं जयंती के अवसर पर पार्क में किया गया था.

भारत और मिस्र का बहुपक्षीय मंचों पर घनिष्ठ सहयोग रहा है और दोनों गुटनिरपेक्ष आंदोलन के संस्थापक सदस्य थे. वर्ष 2022 का विशेष महत्व है, क्योंकि यह भारत और मिस्र के बीच राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ का प्रतीक है.

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वर्तमान में, मिस्र में भारतीय समुदाय की संख्या लगभग 3200 है, जिनमें से अधिकांश काहिरा में केंद्रित हैं. अलेक्जेंड्रिया, पोर्ट सईद और इस्माइलिया में भी कुछ भारतीय हैं.

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