Video : विदेश मंत्री S Jaishankar का अमेरिकी रक्षा मंत्रालय में हुआ भव्य स्वागत

न्यूयॉर्क में एक अवसर पर हाल ही में विदेश मंत्री ने कहा था कि अमेरिका के पाकिस्तान के रिश्तों से "अमेरिकी हितों" को फायदा नहीं हुआय यह ऐसे संबंध हैं जिनसे ना ही पाकिस्तान और ना ही अमेरिका को फायदा हो रहा है.  

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भारतीय विदेश मंत्री ने अमेरिकी रक्षा मंत्री ल्यॉड ऑस्टिन से की मुलाकात

भारतीय विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर का आज पेंटागन में भव्य स्वागत किया गया. आज वह अमेरिका के रक्षा मंत्री ल्यॉ़ड जे ऑस्टिन के साथ द्विपक्षीय बातचीत के लिए मिल रहे हैं. समाचार एजेंसी एएनआई ने दिखाया है कि ऑस्टिन जयशंकर का अमेरिकी रक्षामंत्रालय, पेंटागन पहुंचने पर स्वागत कर रहे हैं. अपने शुरुआती भाषण में अमेरिकी रक्षा मंत्री ने चीन की तीखी आलोचना की. उन्होंने कहा, " चीन ने ताइवान जलडमरूमध्य में अभूतपूर्व तरीके से उकसाने वाली कार्रवाई की और कहा कि भारत और अमेरिका हिंद-प्रशांत में एक बेहतर भविष्य के लिए मिलकर काम कर रहे हैं." 

हाल ही में अमेरिका ने पाकिस्तान को उसके एफ-16 फाइटर जेट बेड़े के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की थी. जिसकी भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने तीखी आलोचना की थी. इसके बाद यह मुलाकात हो रही है.  

न्यूयॉर्क में एक अवसर पर हाल ही में विदेश मंत्री ने कहा था कि अमेरिका के पाकिस्तान के रिश्तों से "अमेरिकी हितों" को फायदा नहीं हुआय यह ऐसे संबंध हैं जिनसे ना ही पाकिस्तान और ना ही अमेरिका को फायदा हो रहा है.  

विदेश देश मंत्री एस. जयशंकर ने एफ-16 लड़ाकू विमानों के वास्ते पाकिस्तान के लिए अमेरिकी प्रशासन द्वारा 45 करोड़ डॉलर के पैकेज को मंजूरी दिए जाने के फैसले पर रविवार को सवाल उठाया था और कहा था कि अमेरिका के पाकिस्तान के साथ संबंधों से दोनों में से किसी देश को ‘‘कोई फायदा नहीं'' हुआ है. वहीं अब इस पर अमेरिका की प्रतिक्रिया आई है. जो बाइडेन प्रशासन ने सोमवार को कहा, भारत और पाकिस्तान दोनों अलग-अलग बिंदुओं पर अमेरिका के साझेदार हैं."

विदेश विभाग प्रवक्ता नेड प्राइस ने अपने दैनिक समाचार सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा, "पाकिस्तान और भारत दोनों हमारे साझेदार हैं. हम दोनों को भागीदार के रूप में देखते हैं, क्योंकि हमारे पास कई मामलों में साझा मूल्य हैं, हमारे कई मामलों में साझा हित हैं. भारत के साथ हमारे संबंध अपनी जगह हैं, पाकिस्तान के साथ अपनी जगह.

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जयशंकर ने भारतीय-अमेरिकियों के साथ एक संवाद के दौरान एक प्रश्न के उत्तर में कहा था, ‘‘ ईमानदारी से कहूं, तो इस संबंध से न तो पाकिस्तान को कोई फायदा हुआ है और न ही इससे अमेरिका के हितों को पूरा करने में मदद मिली है, इसलिए अब अमेरिका को वास्तव में यह सोचना चाहिए कि इस संबंध का फायदा क्या है और इससे उन्हें क्या मिल रहा है.''

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