नियत समय पर भारत में होगी S-400 मिसाइलों की आपूर्ति, रूस के राजदूत ने सभी चर्चाओं पर लगाया विराम

अलीपोव ने कहा, 'रक्षा क्षेत्र में सहयोग रूस और भारत के बीच रणनीतिक साझेदारी के प्रमुख स्तंभों में से एक है. हमारे दोनों देश यह सुनिश्चित करने के लिए बहुत प्रेरित हैं कि यह सहयोग निर्बाध रूप से जारी रहे.'

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
दोनों देश यह सुनिश्चित करने के लिए बहुत प्रेरित हैं कि यह सहयोग निर्बाध रूप से जारी रहे. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने कहा कि रूस और भारत यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं कि दोनों रणनीतिक साझेदारों के बीच रक्षा सहयोग यूक्रेन संकट से ‘‘निर्बाध'' रहे और ‘‘नकारात्मक बाहरी कारकों'' से पैदा हुईं ‘‘बाधाओं'' को प्रभावी ढंग से कम किया जा सके. रूसी राजदूत ने कहा कि रूस द्वारा भारत को सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली एस-400 की आपूर्ति करने की प्रक्रिया सुचारू रूप से आगे बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के बीच रक्षा क्षेत्र में आपसी संबंधों से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर नियमित रूप से संवाद हो रहा है.

अलीपोव की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब भारत में कुछ हलकों ने आशंका जाहिर की है कि यूक्रेन में संघर्ष के कारण भारतीय सशस्त्र बलों को रूस द्वारा प्रमुख सैन्य प्रणालियों और अन्य साजो-सामान की आपूर्ति में देरी हो सकती है. अलीपोव ने कहा, 'रक्षा क्षेत्र में सहयोग रूस और भारत के बीच रणनीतिक साझेदारी के प्रमुख स्तंभों में से एक है. हमारे दोनों देश यह सुनिश्चित करने के लिए बहुत प्रेरित हैं कि यह सहयोग निर्बाध रूप से जारी रहे.'

उन्होंने कहा, 'हम नकारात्मक बाहरी कारकों द्वारा निर्मित बाधाओं को सफलतापूर्वक कम करने और वैकल्पिक भुगतान और रसद विकल्पों का उपयोग करके नई वास्तविकताओं को समायोजित करने में कामयाब रहे हैं.' विशेष रूप से एस-400 मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति के बारे में पूछे जाने पर अलीपोव ने कहा, 'यह निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सुचारू रूप से आगे बढ़ रहा है.'

Advertisement

गौरतलब है कि भारत ने अमेरिकी प्रतिबंधों की आशंका को दरकिनार करते हुए एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली की पांच इकाइयों की खरीद के लिए रूस के साथ अक्टूबर 2018 में पांच अरब अमेरिकी डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. अलीपोव ने कहा, ‘‘हमारे नेताओं के बीच व्यक्तिगत समझ है, वे नियमित संवाद करते हैं और गहरी आपसी समझ प्रदर्शित करते हैं. दिसंबर 2021 में राष्ट्रपति (व्लादिमीर) पुतिन की नई दिल्ली की यात्रा एक ऐतिहासिक घटना थी.''

Advertisement

उन्होंने कहा, ‘‘इस साल दोनों नेताओं ने टेलीफोन पर चार बार बात की. उनके लिए ब्रिक्स, एससीओ (शंघाई सहयोग संगठन) और जी20 जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बातचीत करने के कई मौके आए.''

Advertisement

यह भी पढ़ें -
-- जम्मू-कश्मीर के लोग मेरी पार्टी का नाम और झंडा तय करेंगे : गुलाम नबी आजाद
-- PM मोदी ने नफरत फैलाकर भारत को कमजोर किया, अब हमें जनता के बीच जाना है : राहुल गांधी

Advertisement
Featured Video Of The Day
Etawah Kathavachak News:अखिलेश ने कहा 50 लाख का बाबा तो सुनिए Baba Bageshwar का जवाब
Topics mentioned in this article