देशद्रोह के संदेह में गिरफ्तार हुए एक रूसी वैज्ञानिक की मौत हो गई है. रॉयटर्स के अनुसार, पिछले हफ्ते ही उन्हें साइबेरिया में गिरफ्तार किया गया था और उच्च दर्जे का पेनक्रियाटिक कैंसर होने के बावजूद उन्हें जबरन मास्को ले जाया गया था. वैज्ञानिक के वकील और परिवार ने रविवार को यह जानकारी दी है. 54 साल के फिजिसिस्ट दिमित्री कोलकर को उनके अस्पताल के बिस्तर से ले जाया गया जहां उन्हें एक ट्यूब के ज़रिए खाना दिया जा रहा था और उन्हें चार घंटे की फ्लाइट में बिठा कर मास्को ले जाया गया. वैज्ञानिक के वकील का कहना है कि बाद में उन्हें लेफोर्टोवो जेल में डाला गया जहां पास ही के एक अस्पताल में उनकी मौत हो गई. उनके चचेरे भाई डियानोव ने रॉयटर्स को अमेरिका से बताया कि लेजर विशेषज्ञ के खिलाफ यह आरोप थे कि उसने रूस की खुफिया जानकारी चीन को दी लेकिन यह झूठ था.
उन्होंने कहा, " वह एक वैज्ञानिक थे, जो अपने देश से प्यार करते थे. विदेशों के कई विश्वविद्यालयों और लैब्स में काम करने के बुलावों के बावजूद वो अपने देश में काम कर रहे थे. वो रूस में काम करना चाहते थे. वहां छात्रों को पढ़ाना चाहते थे. उन पर लगाए गए आरोप बिल्कुल हास्यास्पद हैं और किसी बीमार आदमी पर ऐसे आरोप लगाना बेहद क्रूर है. वो जानते थे कि वो अपनी मृत्युशय्या पर है लेकिन फिर भी उन्होंने उन्हें गिरफ्तार किया."
परिवार और वकीलों ने कहा कि FSB security service ने कोलकर को हिरासत में लिया, उनके घर की तलाशी ली गई. उन्होंने उन पर देशद्रोह के आरोप लगाए जिसमें 20 साल तक की कैद होती है. लेकिन यह आरोप कोलकर के चीन में दिए गए लेक्चर पर आधारित थे, जिसकी सामग्री खुद FSB ने अप्रूव की थी. रॉयटर्स को अभी तक FSB से सवालों का कोई जवाब नहीं मिला है. वकील एलेक्ज़ेंडर फेडुलोव ने रॉयटर्स को बताया कि उन्होंने अधिकारियों से कोलकर की तरफ से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उन्हें FSB जांच विभाग और जेल से लौटा दिया गया.
उन्होंने कहा कि वो सोमवार को कोलकर की हिरासत को लेकर एक कानूनी शिकायत दर्ज करेंगे. शनिवार को सरकारी न्यूज़ एजेंसी तास ने कहा कि रूस ने एक दूसरे वैज्ञानिक को नोवोसिबिर्स्क में हिरासत में लिया है. उन पर देशद्रोह का संदेह है. यह स्पष्ट नहीं है कि क्या यह दोनों मामले आपस में जुड़े हुए हैं.
हाल ही के कुछ सालों में कई रूसी वैज्ञानिकों को हिरासत में लेकर विदेशियों को संवेदनशील सूचना देने के संदेह में देशद्रोह का आरोपी बनाया गया है. रूसी संसद के आलोचकों का कहना है कि कई बार गिरफ्तारियां निराधार डर की वजह से भी होती हैं.
कोलकर के चचेरे भाई डियानोव का कहना है कि कोलकर एक कॉन्सर्ट में पियानो भी बजाते थे और उन्होंने रूस और यूरोप दोनों जगह प्रस्तुतियां दी थीं. मेरे लिए इतनी सुंदर प्रस्तुति देने वाला व्यक्ति ऐसा कभी नहीं कर सकता, जैसा उस पर आरोप लगा."