'कतई स्वीकार नहीं भेदभाव वाले प्रतिबंध', SCO बैठक से पहले ट्रंप पर भड़के पुतिन

अमेरिकी राष्‍ट्रपति ट्रंप पर निशाना साधते हुए रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि हम वैश्विक मुद्दों के समाधान के लिए ब्रिक्स समूह को मजबूत करने में एकजुट हैं.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
तियानजिन शिखर सम्मेलन एससीओ में नई गति लाएगा : व्लादिमीर पुतिन
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने चीन के तियानजिन में होने वाले SCO सम्मेलन में नई ताकत का संचार होने की उम्मीद जताई.
  • पुतिन ने भेदभावपूर्ण प्रतिबंधों को स्वीकार न करने व आर्थिक विकास में बाधा डालने वाले प्रतिबंधों का विरोध किया.
  • SCO के सिद्धांत समान सहयोग, किसी तीसरे पक्ष को निशाना न बनाना और हर राष्ट्र की विशिष्टता का सम्मान करना हैं.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
मास्‍को:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन में हैं और अब रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन भी पहुंच गए हैं. दुनिया की तीन महाशक्तियां एक मंच पर आ रही हैं, ऐसे में अमेरिका और पाकिस्‍तान समेत पूरी दुनिया की निगाहें SCO समिट पर टिकी हुई हैं. चीन पहुंचने से पहले पुतिन ने अमेरिकी राष्‍ट्रपति का सीधा संदेश दे दिया कि भेदभाव वाले प्रतिबंध स्वीकार नहीं किये जाएंगे. हालांकि, पुतिन ने कहा है कि 31 अगस्त से चीन के तियानजिन में शुरू हो रहा शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन संगठन में नई ताकत का संचार करेगा. शिखर सम्मेलन और बीजिंग में चीन के स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लेने के लिए चीन की अपनी यात्रा की पूर्व संध्या पर एक लिखित साक्षात्कार में पुतिन ने कहा कि यह शिखर सम्मेलन समकालीन चुनौतियों और खतरों का सामना करने की एससीओ की क्षमता को मजबूत करेगा और साझा यूरेशियाई क्षेत्र में एकजुटता को मजबूत करेगा. 

भेदभावपूर्ण प्रतिबंधों को स्वीकार नहीं

अमेरिकी राष्‍ट्रपति ट्रंप पर निशाना साधते हुए रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि हम वैश्विक मुद्दों के समाधान के लिए ब्रिक्स समूह को मजबूत करने में एकजुट हैं. हालांकि, किसी भी प्रकार के भेदभावपूर्ण प्रतिबंधों को स्वीकार नहीं किया जा सकता है. ऐसे प्रतिबंध किसी भी देश के आर्थिक विकास में बाधा डाल रहे हैं. ऐसे में इन्‍हें कोई  देश कतई स्‍वीकार नहीं कर सकता है. 

पुतिन ने कहा, 'यह सब एक अधिक न्यायसंगत बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था को आकार देने में मदद करेगा. एससीओ का आकर्षण इसके सरल लेकिन शक्तिशाली सिद्धांतों में निहित है. ये सिद्धांत संस्थापक दर्शन के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता, समान सहयोग के लिए खुलापन, किसी तीसरे पक्ष को निशाना न बनाना और प्रत्येक राष्ट्र की राष्ट्रीय विशेषताओं और विशिष्टता का सम्मान हैं. इन मूल्यों को अपनाते हुए, एससीओ एक अधिक न्यायसंगत, बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था को आकार देने में योगदान देता है, जो अंतरराष्ट्रीय कानून पर आधारित है और संयुक्त राष्ट्र की केंद्रीय समन्वयकारी भूमिका है.'

एससीओ के इतिहास में मील का पत्थर साबित होगा

रूसी राष्ट्रपति ने कहा, 'इस वैश्विक दृष्टिकोण का एक प्रमुख तत्व यूरेशिया में समान और अविभाज्य सुरक्षा की एक संरचना का निर्माण है, जिसमें एससीओ सदस्य देशों के बीच घनिष्ठ समन्वय भी शामिल है.' सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, पुतिन ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि तियानजिन शिखर सम्मेलन एससीओ के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा. रूस चीनी अध्यक्षता द्वारा घोषित प्राथमिकताओं का पूरा समर्थन करता है, जो एससीओ को मजबूत करने, सभी क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने और वैश्विक मंच पर संगठन की भूमिका को बढ़ाने पर केंद्रित हैं.

पुतिन ने कहा, 'मुझे विश्वास है कि हमारे संयुक्त प्रयासों से, हम एससीओ को नई गति प्रदान करेंगे और समय की मांग के अनुसार इसका आधुनिकीकरण करेंगे.

चीन 2024-2025 तक एससीओ की अध्यक्षता करेगा. 2025 में, एससीओ शिखर सम्मेलन तियानजिन में आयोजित किया जा रहा है. तियानजिन शिखर सम्मेलन 31 अगस्त से 1 सितंबर तक आयोजित हो रहा है.

Advertisement

ये भी पढ़ें:- सीमा विवाद से आगे बढ़ेगा भारत-चीन रिश्ता? मोदी-जिनपिंग मीटिंग पर पूरी दुनिया की नजर

Featured Video Of The Day
400 माफिया की लिस्ट... एंटी रोमियो स्क्वॉड... Bihar में Samrat यूं कर रहे अपराधियों का इलाज
Topics mentioned in this article