व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन से कहा, रूस ने मामूली कार्रवाई ही शुरू की है

रूसी नेता ने पश्चिम पर शत्रुता को बढ़ावा देने का भी आरोप लगाया. पुतिन ने कहा कि वह युद्ध को समाप्त करने के लिए बातचीत करने के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्होंने चेतावनी दी कि 'जितना अधिक समय लगेगा, उनके लिए हमारे साथ समझौता करना उतना ही कठिन होगा.'

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नई दिल्ली:

Russia Ukraine war: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने यूक्रेन (Ukraine)से कहा है कि उसे मास्को की शर्तों को जल्दी से स्वीकार करना चाहिए या सबसे खराब स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि रूस ने अपनी मामूली कार्रवाई ही शुरू की है. यूक्रेन में युद्ध पांच महीने से चल रहा है और इस अवधि में यूक्रेन के सैंकड़ों हजारों लोगों को पड़ोसी देशों में शरण लेने के लिए देश से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा है. रूस के आक्रमण ने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यूरोप में सबसे बड़ा मानवीय संकट पैदा कर दिया है, जिसकी वैश्विक निंदा हुई है, लेकिन पुतिन ने कहा कि उनकी सेना अभी वार्म अप हो रही है. 

स्काई न्यूज ने गुरुवार को क्रेमलिन नियंत्रित संसद के नेताओं के साथ बैठक के दौरान पुतिन के हवाले से कहा, "यह यूक्रेन के लोगों के लिए एक त्रासदी है, लेकिन ऐसा लगता है कि यह उस दिशा में बढ़ रहा है."

उन्होंने कहा, "सभी को पता होना चाहिए कि मोटे तौर पर हमने अभी तक कुछ भी ईमानदारी से शुरू नहीं किया है."

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रूसी नेता ने पश्चिम पर शत्रुता को बढ़ावा देने का भी आरोप लगाया. पुतिन ने कहा कि वह युद्ध को समाप्त करने के लिए बातचीत करने के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्होंने चेतावनी दी कि 'जितना अधिक समय लगेगा, उनके लिए हमारे साथ समझौता करना उतना ही कठिन होगा.'

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पश्चिम समर्थित सैन्य गठबंधन नाटो में शामिल होने के खिलाफ यूक्रेन को महीनों की चेतावनी के बाद रूस ने इस साल 24 फरवरी को आक्रमण शुरू किया था. मास्को ने अमेरिका के नेतृत्व वाले पश्चिमी देशों पर यूक्रेन जैसे छोटे देशों को नाटो से जोड़कर और रूसी सीमाओं के बहुत करीब आकर अपने प्रभाव क्षेत्र का विस्तार करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है.

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हालांकि पश्चिमी देशों इन सभी आरोपों को खारिज कर दिया है और कहा है कि हर देश के पास यह चुनने का विकल्प है कि वह किसी समूह में शामिल होना चाहता है या नहीं.

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रूस, यूक्रेन में अपने कार्यों को एक ‘विशेष सैन्य अभियान‘ कहता है ताकि वह अपने दक्षिणी पड़ोसी का विसैन्यीकरण कर सके और रूसी बोलने वालों को राष्ट्रवादियों से बचा सके. 

यूक्रेन और उसके पश्चिमी सहयोगियों का कहना है कि यह खुलेआम आक्रामकता का बहाना है जिसका उद्देश्य क्षेत्र पर कब्जा करना है. 

लड़ाई अब यूक्रेन के पूर्वी औद्योगिक केंद्र डोनबास में उग्र हो रही है, जहां मास्को समर्थित अलगाववादी 2014 से यूक्रेनी सैनिकों से लड़ रहे हैं. हालांकि रूसी सेना यूक्रेन की राजधानी कीव या अन्य बड़े शहरों पर कब्जा करने में सक्षम नहीं है, लेकिन यह लुहान्स्क पर नियंत्रण हासिल करने में कामयाब रही है. 

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