...ताकि मक्खी भी बचकर ना निकले, Ukraine War में मारियुपोल की "आज़ादी" के बाद Putin का आदेश

Ukraine War: अजोव सागर ( Azov Sea) में स्थित मारियुपोल (Mariupol) पर पूर्ण नियंत्रण रूस के लिए एक बड़ी रणनीतिक जीत होगी. इससे पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थिक अलगाववादियों के कब्जे वाले हिस्से को यूक्रेन से पहले तोड़े गए क्रीमिया से जोड़ने का रास्ता मिल जाएगा. 

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Ukraine War: Russia लंबे समय से Mariupol पर कर रहा था हमले

रूस (Russia) के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन (Vladimir Putin) ने गुरुवार को कहा है कि रूस ने मारियुपोल (Mariupol) को "आजाद" करा लिया है. इससे पहले रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु (Sergei Shoigu) ने उन्हें बताया था कि रूस ने बड़े अजोवस्टल स्टील प्लांट (Azovstal steel plant)  यूक्रेन के बंदरगाह शहर को अपने कब्जे में ले लिया है.  अजोव सागर ( Azov Sea) में स्थित मारियुपोल पर पूर्ण नियंत्रण रूस के लिए एक बड़ी रणनीतिक जीत होगी.इससे पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थिक अलगाववादियों के कब्जे वाले हिस्से को यूक्रेन से पहले तोड़े गए क्रीमिया से जोड़ने का रास्ता मिल जाएगा. 

इसके बाद रूस (Russia) के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने अपनी सेना को मारियुपोल में यूक्रेन के अंतिम गढ़ पर हमला न करने का आदेश दिया.

इससे पहले  रूसी सेना ने मारियुपोल में तैनात यूक्रेनी बलों से कहा था कि यदि वो अपने हथियार डाल देते हैं, तो उन्हें उनके ‘‘जीवित रहने की गारंटी'' दे दी जाएगी. रूसी रक्षा मंत्रालय ने रविवार तड़के यह घोषणा की.

शोइगु ने पुतिन को टीवी पर की गई एक मीटिंग में बताया, "मारियुपोल को आजाद करा लिया गया है."साथ ही उन्होंने बताया कि बचे हुए राष्ट्रवादी गुटों ने अजोवस्टल प्लांट के इंडस्ट्रियल ज़ोन में शरण ले ली है."

शोइगु ने कहा कि करीब 2000 यूक्रेनी सैनिक प्लांट के भीतर हैं जहां यूक्रेनी प्रतिरोध का आखिरी टुकड़ा शरण ले रहा था और नेटवर्क की अंडरग्राउंड सेवाओं का प्रयोग कर रहा है.  
पुतिन ने कहा कि मारियुपोल की "आजादी" रूस सेना के लिए "सफलता" है लेकिन उन्होंने शोइगु को आदेश दिया कि वो इंडस्ट्रियल इलाके पर पूर्वनियोजित धावे को रहने दें, उन्होंने इसे "अव्यहवारिक" बताया.  

पुतिन ने कहा, "उन संकरी गलियों पर चढ़ने और जमीन के नीचें रेंगने की ज़रूरत नहीं है. उस इंडस्ट्रियल एरिया को ब्लॉक कर दें ताकि एक भी मक्खी बच कर ना जा सके."

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ऐसा माना जा रहा है कि हजारों नागरिक इस शहर में मारे गए हैं, जिसे करीब एक महीने से रूसी सेना ने घेर रखा है. शहर में खाना, पानी और बिजली नहीं पहुंच पा रही है.  

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