'शांतिदूत' ट्रंप बोल रहे पुतिन की बोली, एकतरफा शांति प्लान में यूक्रेन की सुरक्षा गारंटी कौन देगा?

Russia Ukraine War: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी 28 प्वाइंट वाली विवादास्पद योजना को मंजूरी देने के लिए यूक्रेन को 27 नवंबर तक का समय दिया था.

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  • अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म करने के लिए 28 सूत्रीय शांति योजना प्रस्तुत की है
  • स्विट्जरलैंड के जिनेवा में यूक्रेन और यूरोपीय देशों के साथ इस शांति योजना पर चर्चा जारी है
  • यूक्रेन ने प्रस्ताव में रूस की कट्टर मांगों को स्वीकार करने से इनकार कर संशोधन की मांग की है
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रूस और यूक्रेन के बीज साढ़े तीन साल से जारी जंग को खत्म करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 28 सूत्रीय शांति योजना लेकर आए हैं. लेकिन यह प्रस्ताव ऐसा है जिसे देखकर लगता है कि इसे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने खुद लिखा हो और जिसे स्वीकार करना यूक्रेन के लिए हद से अधिक मुश्किल होगा. अब यूक्रेन और यूरोपीय देशों को इसपर राजी करने के लिए और उनकी सलाहों के अनुसार इसमें बदलाव करने के लिए स्विट्जरलैंड के जिनेवा में बैठक चल रही है. व्हाइट हाउस ने रविवार, 23 नवंबर को कहा कि यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के प्रस्ताव पर स्विट्जरलैंड में बातचीत एक "महत्वपूर्ण कदम" है, और साथ ही यह पुष्टि की कि कोई भी अंतिम समझौता यूक्रेन की संप्रभुता को "पूरी तरह से बरकरार" रखेगा.

एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका द्वारा जारी एक संयुक्त यूएस-यूक्रेन बयान में कहा गया: "चर्चा के बाद पार्टियों ने एक अपडेटेड और परिष्कृत (रिफाइन्ड) शांति ढांचे का मसौदा तैयार किया."

अमेरिका की ओर से विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने एक अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया. इस प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को जिनेवा में यूक्रेनी और यूरोपीय अधिकारियों से मुलाकात की और जंग को समाप्त करने की योजना को आगे बढ़ाने की कोशिश की, जो फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के साथ शुरू हुआ था.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी 28 प्वाइंट वाली विवादास्पद योजना को मंजूरी देने के लिए यूक्रेन को 27 नवंबर तक का समय दिया था. यानी एक तरह से अल्टीमेटम. लेकिन यूक्रेन ने इस मसौदे में बदलाव की मांग की है क्योंकि इसमें रूस की कई कट्टरपंथी मांगों को स्वीकार किया गया है. इस 28-सूत्रीय योजना के तहत यूक्रेन को अपनी जमीन छोड़नी होगी, अपनी सेना में कटौती करनी होगी और नाटो में कभी शामिल नहीं होने की कसम खानी होगी.

बयान में नए मसौदे की घोषणा से ऐसा लगता है कि इसमें बदलाव वास्तव में किए गए हैं. दोनों देशों के संयुक्त बयान में कहा गया, "बातचीत रचनात्मक, केंद्रित और सम्मानजनक थी, जो न्यायसंगत और स्थायी शांति प्राप्त करने की साझा प्रतिबद्धता को दिखाती है... उन्होंने पुष्टि की कि भविष्य के किसी भी समझौते को यूक्रेन की संप्रभुता को पूरी तरह से बरकरार रखना चाहिए और एक स्थायी और न्यायपूर्ण शांति प्रदान करनी चाहिए."

दोनों पक्षों ने "आने वाले दिनों में" संयुक्त प्रस्तावों पर काम करते रहने की प्रतिबद्धता जताई है. हालांकि अभी भी कई सवालों के जवाब बाकि रहते हैं. इस संयुक्त बयान में ऐसे कई मुद्दों के बारे में विशेष जानकारी नहीं दी जिन्हें हल किया जाना चाहिए. सबसे बड़ा सवाल कि क्या भरोसा है कि रूस आगे यूक्रेन पर हमला नहीं करेगा और किसी भी संभावित हमले की स्थिति में यूक्रेन को सुरक्षा की गारंटी कैसे दी जाएगी.

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