Ukraine War: Russia को अब तक नहीं भेजे हथियार, US में मौजूद Chinese राजदूत का दावा

Ukraine War: शुक्रवार को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने फोन पर अपने चीनी समकक्ष शी जिनपिंग (Xi Jinping) के साथ लंबी बातचीत की थी. इस दौरान जो बाइडेन ने  यह चेतावनी दी थी कि अगर यूक्रेन (Ukraine) के खिलाफ तेज होते रूसी हमलों (Russian Attacks) के बीच अगर चीन, रूस को सामान मुहैया करवाएगा तो इसके "परिणाम" भुगतने पड़ेंगे.

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Ukraine War: China के विदेश मंत्री ने कहा था कि पश्चिमी देशों को Russia की सुरक्षा चिंताओं को समझना चाहिए
बीजिंग:

अमेरिका (US) में चीन (China) के राजदूत ने कहा है कि उनके देश ने यूक्रेन (Ukraine) में प्रयोग के लिए रूस (Russia) को हथियार नहीं भेजे. लेकिन चीन भविष्य में ऐसा नहीं करेगा, इस बात की संभावना से उन्होंने इंकार नहीं किया.  शुक्रवार को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने फोन पर अपने चीनी समकक्ष शी जिनपिंग (Xi Jinping) के साथ लंबी बातचीत की थी. इस दौरान जो बाइडेन ने  यह चेतावनी दी थी कि अगर यूक्रेन के खिलाफ तेज होते रूसी हमलों के बीच अगर चीन, रूस को सामान मुहैया करवाएगा तो इसके "परिणाम" भुगतने पड़ेंगे. सीबीएस (CBS) पर रविवार को पूछा गया कि क्या चीन रूस को पैसा या हथियार भेज सकता है? एंबेसडर चिन गैंग (Qin Gang) से मौजूदा स्तिथी के बारे में कहा, " यह एक गलत सूचना है कि चीन रूस को सैन्य सहायता दे रहा है. हम इसे खारिज करते हैं."

उन्होंने कहा, "इसकी बजाय, चीन खाना, दवाईयां, सोने के लिए बिस्तर, बच्चों के खाने का सामान, भेज रहा है, किसी भी पार्टी को हथियार और बारूद नहीं भेज रहा." 

रूस की तरह ही चीन के संबंध भी अमेरिका के साथ अच्छे नहीं हैं. चीन ने अभी तक यूक्रेन पर आक्रमण के लिए रूस की आलोचना से बचने की कोशिश की है जबकि अमेरिका, ब्रिटेन और दूसरे अधिकारियों ने चीन से यह अपील की थी. 

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सीबीएस टॉक शो, "फेस द नेशन" में किन ने कहा कि बीजिंग लगाता शांतिवार्ता को बढ़ावा दे रहा है और तुरंत युद्धविराम की अपील कर रहा है.

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लेकिन उन्होंने कहा कि जिस तरह की सार्वजनिक निंदा पश्चिम चाहता है, उससे कोई "मदद नहीं मिलेगी".  

चीन का विदेश मंत्रालय कह चुका है कि पश्चिम को रूस की सुरक्षा चिंताओं को ध्यान में रखना चाहिए.  


क्या चीन रूस को सैन्य सहायता देगा? इस सवाल पर विशेषज्ञ कहते हैं कि यह एटलांटिक सागर के किनारों पर पहले से ही विस्फोटक हो चुके संघर्ष को एक वैश्विक संकट में बदल देगा. इससे पश्चिमी देश विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के खिलाफ हो जाएंगे और इससे अंतरर्राष्ट्रीय बाजार में उथल-पुथल मच जाएगी.  
 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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