- रूस ने शुक्रवार को कहा कि यूक्रेन के साथ शांति वार्ता स्थगित कर दी गई है.
- शांति वार्ता को लेकर डोनाल्ड ट्रंप की कोशिश एक बार फिर से नाकाम साबित हुई.
- रूसी प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि वार्ताकार संपर्क में हैं, लेकिन फिलहाल बातचीत रुकी हुई है.
रूस-यूक्रेन के बीच शांति वार्ता को लेकर डोनाल्ड ट्रंप की कोशिश एक बार फिर से नाकाम साबित हुई है. रूस ने शुक्रवार को कहा कि यूक्रेन के साथ शांति वार्ता स्थगित (Russia-Ukrain Peace Talk Pauses) कर दी गई है. इसे ट्रंप की पिछले 3 साल से ज्यादा समय से दोनों देशों के बीच चल रहे युद्ध को खत्म करने की कूटनीतिक कोशिश की विफलता माना जा रहा है.
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ट्रप की कोशिशें फिर हुईं नाकाम
बता दें कि अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन संग बातचीत के बाद कहा था कि रूस शांति वार्ता के लिए तैयार है, लेकिन यूक्रेनी शहरों पर अपने आक्रामक हवाई हमले रूस ने जारी रखे हैं. बता दें कि दोनों देशों के बीच चल रहे युद्ध को खत्म करने के समझौते पर जोर देते हुए ट्रंप ने अब तक कई कूटनीतिक कोशिशें की हैं, लेकिन वह सफल नहीं हो सके.
फिलहाल बातचीत रुक गई है
न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक, प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा, "हमारे वार्ताकार अलग-अलग माध्यमों से संपर्क में हैं, लेकिन अभी ये कहना ज्यादा ठीक होगा कि फिलहाल बातचीत रुक गई है. ये उम्मीद नहीं की जा सकती कि तुरंत कोई बड़ा नतीजा बातचीत से निकल आए.
पुतिन से बातचीत की संभावना से किया इनकार
ब्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की संग बैठक की संभावना को पूरी तरह से खारिज कर दिया है. उनका कहना है कि दोनों के बीच के गतिरोध को खत्म करने के लिए के लिए शिखर सम्मेलन बेहद ज़रूरी है.
रूस यूक्रेन पर अपने हमले लगातार बढ़ा रहा है. उसने पिछले हफ़्ते अब तक का सबसे बड़ा हवाई हमला किया था, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई. वहीं राजधानी कीव में एक सरकारी बिल्डिंग में आग भी लग गई. इन हमलों के बाद ट्रंप ने रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी थी.
रूस-यूक्रेन के बीच नहीं बनी बात
इस्तांबुल में रूस और यूक्रेन के बीच तीन दौर की सीधी शांति हुई. लेकिन इस दौरान दोनों के बीच बड़े पैमाने पर कैदियों की रिहाई के अलावा किसी और बात पर सहमति नहीं बन सकी. दरअसल रूस ने कई सख्त मांगें रखी, जिनमें
रूस ने कई कठोर मांगें रखी हैं, जिनमें यूक्रेन का पूर्वी डोनबास क्षेत्र को पूरी तरह से सौंपना भी शामिल है. जिसके कुछ हिस्सों पर अभी भी उसका कंट्रोल है. लेकिन कीव ने क्षेत्रीय रियायतों को ठुकरा दिया. उसकी मांग है कि यूरोपीय सैनिकों को शांति सेना के रूप में यूक्रेन में तैनात किया जाए. लेकिन रूस इन प्रस्तावों को मानने से इनकार कर दिया.