रूस की गेमचेंजर वैक्‍सीन एंटरोमिक्स, क्‍या इससे 100 फीसदी ठीक हो जाएगा कैंसर का मरीज? जानें

रूस की फेडरल मेडिकल एंड बायोलॉजिकल एजेंसी (FMBA) के अनुसार, रूस के वैज्ञानिकों ने एक नई कैंसर वैक्‍सीन तैयार कर ली है और यह अब क्‍लीनिकल प्रयोग के लिए तैयार है.

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  • रूस के वैज्ञानिकों ने पहली mRNA कैंसर वैक्सीन एंटरोमिक्स विकसित की है जो एक मील का पत्थर मानी जा रही है.
  • एंटरोमिक्स वैक्सीन इम्यूनोथेरेपी समाधान है जो कैंसर कोशिकाओं को सटीकता से टारगेट करके उन्हें खत्म करती है.
  • वैक्सीन कोविड-19 mRNA वैक्सीन की तकनीक पर आधारित है और इंट्रामस्क्युलर इंजेक्शन के रूप में उपयोग की जा रही है.
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नई दिल्‍ली:

मेडिकल फील्‍ड में रूस को एक बड़ी सफलता हासिल की है और उसने पहली mRNA कैंसर वैक्‍सीन को तैयार कर लिया है. एंटरोमिक्स के नाम वाली इस वैक्‍सीन को कैंसर के खिलाफ दुनिया की लड़ाई में एक बड़ा मील का पत्‍थर माना जा रहा है. mRNA वही टेक्निक है जिसका प्रयोग रूस के वैज्ञानिकों ने कोविड-19 की वैक्‍सीन को बनाते समय किया था. एंटरोमिक्‍स  जिसे नेक्‍स्‍ट जनरेशन की कैंसर वैक्‍सीन बताया जा रहा है वह इम्‍यूनोथेरेपी सोल्‍यूशन का प्रतिनिधित्व करती है जिसे खासतौर पर पूरी सटीकता के साथ कैंसर कोशिकाओं को टारगेट करके और उन्‍हें खत्‍म करने के लिए डिजाइन किया गया है. 

लाखों कैंसर मरीज की नई उम्‍मीद 

एंटरोमिक्स को रूस के रिसर्चर्स की ओर से विकसित दुनिया के पहले mRNA-बेस्‍ड कैंसर वैक्‍सीन के तौर पर मान्‍यता दी जा रही है. उनका कहना है कि कोविड-19 mRNA वैक्‍सीन की ही तरह उसी प्‍लेटफॉर्म पर इसे भी डिजाइन किया गया है. इस लीडिंग थेरेपी का मकसद इम्‍यून सिस्‍टम में ट्यूमर सेल्‍स को पहचानने और फिर उन्हें नष्ट करने के लिए ट्रेन्‍ड करना है. रूस की इस वैक्‍सीन को लाखों कैंसर रोगियों के लिए आशा की नई किरण बताया जा रहा है. यह वैक्‍सीन इंट्रामस्क्युलर इंजेक्शन के लिए तैयार की गई है. इस वैक्‍सीन को रूस के ऑन्कोलॉजी सेंटर्स पर शुरुआती क्‍लीनिकल प्रयोगों में आ चुका है. 

mRNA कैंसर वैक्‍सीन कैसे काम करेगी  

  • एंटेरोमिक्स जैसे mRNA कैंसर वैक्‍सीन शरीर के ही इम्‍यून सिस्‍टम का प्रयोग करेगी. 
  • mRNA डिलीवरी: एक या एक से ज्‍यादा ट्यूमर स्‍पेस्‍फिक एंटीजेंस को एनकोड करने वाले मैसेंजर RNA के एक सिंथेटिक स्ट्रैंड को मरीज में इंजेक्ट किया जाता है. 
  • सेल्‍युलर अपटेक: शरीर के सेल्‍स mRNA को ऑब्‍जर्व करते हैं और एनकोडेड प्रोटीन (एंटीजेन) को प्रोड्यूस करती हैं. 
  • इम्‍यू‍न एक्टिवेशन: ये प्रोटीन सेल्‍स या कोशिकाओं की सतह पर नजर आते हैं, यहां T कोशिकाएं इनकी पहचान करती हैं. 
  • टारगेटेड अटैक: इम्‍यून सिस्‍टम कैंसर से जुड़े एंटीजेंस को प्रदर्शित करने वाली कोशिकाओं पर टारगेटेड हमले करती है. 
  • यह पूरी प्रॉसेस, बिना हमले वाली और व्‍यक्तिगत इम्‍यूनोथैरेपी को संभव बनाती है. 

किन मरीजों को होगा फायदा 

  • फेफड़े, ब्रेस्‍ट कैंसर, कोलोरेक्टल या पैंक्रियास कैंसर के मरीज. 
  • सर्जरी के बाद थैरेपी हासिल करने वाले मरीज. 
  • वंशानुगत कैंसर सिंड्रोम (जैसे, BRCA1/2) वाले उच्च जोखिम वाले रोगी. 
  • कीमोथेरेपी-प्रतिरोधी कैंसर से पीड़ित रोगी. 
  • इम्‍यूनोकॉम्‍प्रोमाइज्‍ड मरीज जो पारंपरिक उपचारों को सहन नहीं कर सकते. 

क्‍या कहा मेडिकल एजेंसी ने 

रूस की फेडरल मेडिकल एंड बायोलॉजिकल एजेंसी (FMBA) के अनुसार, रूस के वैज्ञानिकों ने एक नई कैंसर वैक्‍सीन तैयार कर ली है और यह अब प्रयोग के लिए तैयार है. रूस की समाचार एजेंसी TASS की एक रिपोर्ट के अनुसार FMBA चीफ वेरोनिका स्क्वोर्त्सोवा ने इस बात का ऐलान किया है. एजेंसी ने इसके 100 फीसदी कारगर होने का भी दावा किया है. 

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